न्यूयॉर्क: चीन के एक पुराने राकेट का टुकड़ा (Space Debris) आज चंद्रमा की सतह से टकराने वाला है। इस दौरान इस अंतरिक्ष कचरे की रफ्तार 9000 किलोमीटर की रहेगी। यह टक्कर इतनी भीषण होगी कि इससे एक इतना बड़ा गड्ढा बन जाएगा जिसमें ट्रैक्टर ट्रेलर जैसे कई वाहन समा सकते हैं। पहले ऐसा दावा किया गया था कि यह रॉकेट अमेरिकी बिजनेसमैन एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX News) का है। यह रॉकेट आज शाम को चंद्रमा की सतह से टकरा जाएगा। बड़ी बात यह है कि इस घटना को भारत का चंद्रयान-2 रिकॉर्ड कर सकता है।
चीन के चांग’ई 5-T1 रॉकेट का बूस्टर है यह कचरा
चीन के इस रॉकेट बूस्टर को 2014-065B कहा जाता है। इसे चीनी अंतरिक्ष एजेंसी के लूनर एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम के हिस्से के रूप में 2014 में लॉन्च किया गया था। यह चीन के सबसे सफल स्पेस रॉकेट चांग’ई 5-T1 का बूस्टर है। यह रॉकेट चंद्रमा के उस सूदूर स्थान से टकराएगा जहां दूरबीन की नजर नहीं पहुंचती। ऐसे में सैटेलाइट तस्वीरों की मदद से टक्कर से होने वाले प्रभाव की पुष्टि करने में कई सप्ताह या कई महीने का समय लग सकता है।
2014 में किया गया था लॉन्च
विशेषज्ञों ने कहा है कि यह रॉकेट चीन का है जिसे करीब एक दशक पहले अंतरिक्ष में भेजा गया था और तब से यह इधर-उधर घूम रहा है। हालांकि चीन के अधिकारियों ने इस रॉकेट के बीजिंग का होने पर संदेह जताया है। हालांकि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह रॉकेट किस देश का है लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी भीषण टक्कर से चंद्रमा की सतह पर 33 से 66 फुट (10 से 20 मीटर) तक का गड्ढा बन जाएगा और चंद्र सतह की धूल सैकड़ों किलोमीटर तक फैल जाएगी।
चीन का दावा- जल गया था सारा कचरा
उन्होंने कहा कि संभव है कि यह चीन का रॉकेट है जिसने 2014 में चांद पर एक परीक्षण सैंपल कैप्सूल भेजा था। कैप्सूल वापस आ गया था लेकिन रॉकेट अंतरिक्ष में ही भटकता ही रहा। चीन सरकार के अधिकारियों ने कहा कि बीजिंग का रॉकेट पृथ्वी के वायुमंडल में वापस आने पर जल गया था। हालांकि समान नाम वाले दो चीनी अभियान थे जिनमें एक थी यह परीक्षण उड़ान और दूसरा 2020 में चंद्र सतह से पत्थरों के नमूने लाने का अभियान।