बीजिंग: चीन के हवा से लॉन्च करने वाले कैरियर किलर मिसाइल की अब तक की सबसे साफ तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में वाईजे-21 मिसाइल (YJ-21 Missile) शियान H-6N बॉम्बर (Xian H-6N Bomber) में लगी हुई दिखाई दे रही है। चीन की इस मिसाइल के बारे में दुनिया को बहुत की कम जानकारी है, इसलिए पश्चिमी देश इसे किसी रहस्य की तरह देखते हैं। नाटो ने चीन की इस एयरलॉन्च कैरियर किलर मिसाइल को CH-AS-X-13 नाम दिया है। चीन का दावा है कि यह मिसाइल किसी भी एयरक्राफ्ट कैरियर को लंबी दूरी से निशाना बना सकती है। इतना ही नहीं, एयरक्राफ्ट से लॉन्च होने के कारण इसकी रेंज और रडार की नजर में आने की संभावना भी बेहद कम है। दुनिया में सबसे अधिक एयरक्राफ्ट कैरियर अमेरिका के पास हैं। चीन और अमेरिका में ताइवान, दक्षिण और पूर्वी चीन सागर को लेकर तनाव भी है। ऐसे में यह नई मिसाइल अमेरिका समेत चीन के सभी दुश्मन देशों के लिए चेतावनी मानी जा रही है।
वीडियो में क्या नजर आ रहा है
सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे वीडियो में शियान एच6एन बॉम्बर वाईजे-21 मिसाइल के साथ उड़ान भरता नजर आता है। हालांकि, यह वीडियो कब और कहां लिया गया, इसके बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है। लेकिन एच-6एन के बीचोबीच में वाईजे-21 एयरलॉन्च कैरियर किलर मिसाइल लगी दिखाई दे रही है। माना जाता है कि यह मिसाइल जमीन से हमला करने वाली DF-21D मिसाइल का एक एयर लॉन्च वर्जन है। DF-21D चीन की एंटी शिप बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे 2010 में चीनी नौसेना में शामिल किया गया था। चीनी सेना में वाईजे-21 मिसाइल की तैनाती और संख्या के बारे में भी जानकारी नहीं है। ऐसा दावा किया जाता है कि यह मिसाइल अभी भी अपने टेस्ट से गुजर रही है। इसके बाद ही इसे चीनी सेना में आधिकारिक रूप से कमीशन किया जाएगा।
वाईजे-21 मिसाइल की ताकत जान लीजिए
यूएस डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी की 2021 की चाइना मिलिट्री पावर रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने एच-6एन बॉम्बर को अब सक्रिय रूप से सेवा में शामिल कर लिया है। हालांकि, इन दस्तावेजों में वाईजे-21 मिसाइल की काबिलियत के बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी गई है। विश्लेषकों का दावा है कि वाईजे-21 मिसाइल 800 और 900 मील की रेंज तक मार करने में सक्षम है। यह मिसाइल पारंपरिक वॉरहेड के साथ किसी शिप या एयरक्राफ्ट कैरियर को निशाना बना सकती है। यह मिसाइल अपने दूसरे फेज में पैंतरेबाजी कर रडार को चकमा दे सकती है। बैलिस्टिक मिसाइलों की तरह यह मिसाइल भी हाइपरसोनिक स्पीड से अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ती है, लेकिन इसका ऐंगल ऐसा रहता है कि युद्धपोत के एयर डिफेंस सिस्टम इसके खतरे को भांपने में फेल हो जाते हैं। यही कारण है कि इसे कैरियर किलर का नाम दिया गया है।