चंडीगढ़। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने दावा किया है कि राज्य की पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान पंजाब के वित्तीय हालात ठीक नहीं रहे। पंजाब तीन बार ओवर ड्राफ्ट में गया था। पिछले तीन माह के दौरान एक भी मौका ऐसा नहीं आया जब पंजाब ओवर ड्राफ्ट में गया हो। वित्त मंत्री बुधवार को पंजाब विधानसभा में बजट चर्चा के समापन पर विपक्ष द्वारा उठाए गए मामलों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने सदन में एक रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि वर्ष 2017-18 के दौरान पंजाब 100 दिन, वर्ष 2018-19 के दौरान 63 दिन और वर्ष 2019-20 के दौरान 47 दिन ओवर ड्राफ्ट रहा। इस दौरान पंजाब में कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दिया और एक प्रकार से वित्तीय आपातकाल की स्थिति बनी रही।
हरपाल चीमा ने कहा कि वर्तमान वित्तीय ढांचे के मुताबिक पंजाब की अगले एक साल के लिए कर्ज सीमा 55 हजार करोड़ है। इसके बावजूद सरकार का प्रयास है कि पंजाब को 35 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज न लेना पड़े। चीमा ने दावा किया बेहतर वित्त प्रबंधन के चलते पंजाब सरकार अगले एक साल के भीतर पुराना कर्ज वापस करेगी।विपक्ष द्वारा पिछले तीन माह के दौरान कर्ज लिए जाने के मुद्दे पर वित्त मंत्री ने साफ किया कि पंजाब सरकार ने अब तक के कार्यकाल के दौरान 8000 करोड़ का कर्ज लिया, जबकि 10500 करोड़ का कर्ज वापस भी किया गया है।
चीमा ने कहा कि पंजाब तेजी से वित्तीय संकट से बाहर निकलकर आर्थिक रूप से संपन्न होने की तरफ बढ़ रहा है। इसके चलते कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने और वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक वेतन व पेंशन देने के लिए पंजाब के कॉलेजों में तैनात प्राध्यापकों को यूजीसी की सिफारिशों के अनुसार वेतन देने पर तेजी से काम चल रहा है।