शिमला. हिमाचल प्रदेश में आने वाले चुनावों में कांग्रेस की राह आसान नहीं है.यहां पर कांग्रेस के सामने दोहरी चुनौती है. हिमाचल प्रदेश में सियासी उठापटक के बीच अब कांग्रेस लोकसभा की चार सीटों के अलावा, 9 विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों के चयन में जुट गई है. ये तस्वीर अब साफ हो चुकी है कि देर सवेर कांग्रेस के बागियों और निर्दलीय विधायकों के इस्तीफों के बाद अब उनकी विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे. कांग्रेस के सामने दोहरी चुनौती है, एक तरफ सरकार को बचाने का संकट है तो दूसरी तरफ प्रदेश में सरकार के रहते लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करना है.
इन दो चुनौतियों से भी बड़ी एक चुनौती है, अपनों की नाराजगी. गुटबाजी और भीतरघात की मार इतनी है कि आज सरकार बचाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. इसके लिए सीधे, तौर पर सरकार के मुखिया सुखविंदर सिंह सुक्खू को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, लेकिन अब सारी स्थिती को संभालने का जिम्मा भी सीएम सुक्खू के ही कंधों पर है.
सीएम का कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साझी प्रेस कॉन्फ्रेंस करना और उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रतिभा सिंह का सीएम सुक्खू के बचाव के लिए मीडिया पर भड़क जाना और फिर टकराव की स्थिति को सीएम का संभालना और ये कहना कि कांग्रेस एकजुट है. कार्यकर्ता एक हैं और मैदान में हैं और 20 विधानसभा क्षेत्र का दौरा मैं स्वयं भी कर चुका हूं…तो ये बताता है कि कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुटी हुई है. सूचना ये भी है कि जो पूर्व में जो बड़े चेहरे कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं उनकी घर वापसी के लिए कोशिशें तेज हो चली हैं.
बहरहाल, इस सब के बीच अब बात करते हैं उन 9 विधानसभा सीटों की जहां पर कांग्रेस के सामने चुनौती प्रत्याशियों के चयन की है. बताया से जा रहा है कि सीएम सुक्खू के बेहद करीबी नेताओं की दावेदारी ही मजबूत मानी जा रही है. सबसे पहले बात धर्मशाला विधानसभा सीट की. धर्मशाला में सुधीर शर्मा की बगावत के बाद कोई बड़ा नाम कांग्रेस के पास नहीं है, लेकिन संगठन के कुछ नेताओं के नाम दावेदार के रूप में आगे आ रहे हैं. धर्मशाला में नगर निगम के पूर्व मेयर देवेंद्र जग्गी नाम चल रहा है. पूर्व में चुनाव लड़ चुके विजय इंद्र कर्ण, गद्दी नेता मनोज ठाकुर और सुरेश पप्पी के नामों की भी चर्चा है. इनके कांग्रेस नए चेहरों को उतराने पर भी विचार कर सकती है.
हमीरपुर जिला की सुजानपुर विधानसभा सीट
हमीरपुर जिला की सुजानपुर विधानसभा सीट से दिग्गज राजेंद्र राणा के कांग्रेस से मोहभंग होने के बाद यहां से कांग्रेस चेहरों की तलाश में जुट गई है. यहां से पूर्व में विधायक रहे और वर्तमान में कांगड़ा बैंक के चेयरमैन कुलदीप सिंह पठानिया के नाम की चर्चा के अलावा, पूर्व विधायक अनिता वर्मा और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी राजिंद्र वर्मा के नामों की चर्चा चली है. इसके अलावा नरेश ठाकुर का नाम भी कांग्रेस के दावदारों की प्रमुख सूची में है. देहरा में सीएम सुक्खू के करीबी नरदेव कंवर का नाम सबसे आगे चल रहा है. कंवर को सीएम ने भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड का चेयरमैन बनाया है.
सीएम के जिले में बड़ी चुनौती
सीएम के गृह जिला की हमीरपुर विधानसभा सीट से सीएम के राजनीतिक सलाहकार और सीएम के हनुमान कहे जाने वाले सुनील शर्मा बिट्टू का नाम सबसे आगे चल रहा है. सुनीव बिट्टू का लंबा राजनीतिक अनुभव है. इसके अलावा सीएम के ही करीबी अधिवक्ता रोहित शर्मा भी टिकट के दावेदार हैं. हमीरपुर जिला की बड़सर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती है. यहां से लखनपाल का विकल्प ढूंढना कांग्रेस के लिए चुनौती साबित हो रहा है. हालांकि, पूर्व में विधायक रहे मंजीत सिंह डोगरा का नाम सामने आ रहा है. जातिय समीकरण के लिहाज से देखें तो ये जाट नेता के रूप में भी जाने जाते हैं. छात्र राजनीति से निकले रूबल ठाकुर का नाम भी चर्चा में है. रूबल एनएसयूआई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी पदाधिकारी रहे हैं.
ऊना जिला में टिकट आबंटन में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की अहम भूमिका रहेगी. डिप्टी सीएम की पसंद को कांग्रेस आलाकमान नजरअंदाज नहीं कर सकता है. गगरेट विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के पास पूर्व में मंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रहे कुलदीप कुमार का नाम चल रहा है. इसके अलावा, रमन जस्वाल के नाम की भी चर्चा है.
राकेश कालिया ने छोड़ी है पार्टी
जानकारी के अनुसार पूर्व में विधायक रहे राकेश कालिया की घर वापसी की कोशिशें चल रही हैं. 2022 में चैतन्य शर्मा को टिकट दिए जाने के बाद राकेश कालिया नाराज होकर बीजेपी में चले गए थे. उन्हें मनाने की कोशिशें चल रही है. कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में सेना से सेवानिवृत कर्नल धर्मेंद्र पटियाल और कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विजय डोगरा का नाम सबसे आगे है. विजय डोगरा सीएम सुक्खू के बेहद करीबी हैं. इसके अलावा विवेक शर्मा भी दावेदारी जता रहे हैं.
मारकांडा कर चुके हैं ऐलान
लाहौल-स्पीति में पूर्व में मंत्री रहे और भाजपा के नेता राम लाल मारकंडा पहले ही कह चुके हैं कि वो हर हाल में चुनाव लड़ेंगे. चाहे भाजपा से या फिर निर्दलीय..राम लाल मारकंडा का संबंध कांग्रेस से रहा है, सीएम सुक्खू के करीबी हैं, विश्वविद्लाय में साथ रहे हैं और एनएसयूआई के पदाधिकारी भी रहे हैं. इसके अलावा कांग्रेस में दावेदारों की सूची लंबी है. प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य तोग चंद ठाकुर के अलावा अनिल सहगल, अनुराधा राणा और रघुवीर सिंह भी दावेदारी जता रह हैं. सोलन जिला की नालागढ़ सीट पर पूर्व में चुनाव लड़ चुके बाबा हरदीप सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है. हरदीप बाबा इस समय इंटक के प्रदेशाध्यक्ष हैं. इसके अलावा पूर्व विधायक रहे लखविंदर राणा के नाम पर अटकलें लगाई जा रही हैं. राणा इस समय बीजेपी में हैं. लखविंदर राणा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. अब के.एल. ठाकुर को टिकट दिए जाने के खबरों के बीच लखविंदर राणा को फिर से कांग्रेस में वापसी की अटकलें लगाई जा रही हैं. इन सभी सीटों पर जिन दावेदारों के नाम चल रहे हैं, इनके अलावा नए चेहरों पर भी विचार किया जा रहा है लेकिन कांग्रेस आलाकमान ही अंतिम मुहर लगाएगा.