नई दिल्ली. जहांगीरपुरी हिंसा मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की भी एंट्री हो सकती है. अब ईडी मुख्य आरोपी अंसार के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई कर सकती है. दरअसल, दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पत्र लिखकर जहांगीरपुरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी अंसार के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने को कहा है. जहांगीरपुरी निवासी अंसार फिलहाल पुलिस हिरासत में है. 16 अप्रैल को एक धार्मिक जुलूस के दौरान दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी असलम और अंसार हैं. इस घटना में आठ पुलिस कर्मियों और एक नागरिक सहित नौ लोग घायल हुए थे.
दरअसल, पिछले हफ्ते अदालत में पेशी के दौरान, दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया था कि मुख्य आरोपी अंसार और असलम को 15 अप्रैल के दिन निकलने वाली ‘शोभा यात्रा’ के बारे में जानकारी पहले से थी. यही वजह है कि दोनों ने ‘शोभा यात्रा’ के दौरान हिंसा करने की ‘साजिश’ रची. दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा था कि हमें सीसीटीवी फुटेज देखनी होगी और इस मामले में शामिल अन्य लोगों की पहचान करनी होगी.
भारी बैरिकेडिंग कर सुरक्षा बढ़ा दी
वहीं, अब हिंसा और उसके बाद के अतिक्रमण हटाओ अभियान के मद्देनजर, दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी इलाके में कड़ी निगरानी के लिए कई सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने बाद में बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में जहांगीरपुरी में उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा किए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान पर “यथास्थिति” बनाए रखने का आदेश दिया था. दिल्ली पुलिस ने हिंसा प्रभावित इलाके में भारी बैरिकेडिंग कर सुरक्षा बढ़ा दी है.
नमाज में छोटे बच्चों के आने की मनाही
वहीं, कुछ देर पहले खबर सामने आई थी कि जहांगीरपुरी में हुई साम्प्रदायिक हिंसा और बवाल के बाद अतिक्रमण हटाने के खिलाफ चले एमसीडी के बुलडोजर के बाद स्थिति और भी खराब हो गई है. इलाके में स्थिति तनावपूर्ण और बेहद ही संवेदनशील बनी हुई है. इसको लेकर दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बल की टुकड़ियां तैनात की गई हैं. खासकर ऐसे मौके पर जब सियासी दलों के प्रतिनिधिमंडलों का लगातार दौरा हो रहा है. हालातों को भांपते हुए आज जुम्मे की नमाज को लेकर भी एहतियात बरती जा रही है. जहांगीरपुरी स्थित जामा मस्जिद में शुक्रवार को जुम्मे की नमाज में छोटे बच्चों के आने से मना कर दिया गया है.