नई दिल्ली। जानकारी ही बचाव है, यह बात केवल हेल्थ मामलों पर ही लागू नहीं होती बल्कि पर्सनल फाइनेंस से जुड़े मसलों पर भी लागू होती है. महिलाओं का वित्तीय मामलों में स्वतंत्र फैसले लेना अपेक्षाकृत नया है. कई बार इससे जुड़ी चीजों को लेकर कंफ्यूजन भी होती हैं और पूरी जानकारी भी नहीं होती. आइए क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से जुड़े आज कुछ ऐसे पहलुओं पर बात करें जिससे आपको दोनों के बीच का फर्क समझ आ जाए. इससे एक बड़ा लाभ यह होगा कि आपको फ्रॉड, इस्तेमाल में लापरवाही या दिक्कत का सामना भी नहीं करना पड़ेगा. डेबिट कार्ड वही है जिसे हम बोलचाल की भाषा में कह देते हैं एटीएम कार्ड. आइए जानें कुछ जरूरी बातें:
डेबिट और क्रेडिट कार्ड में समानता ये होती हैं..
देखने में पहली नजर में क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड दोनों एक जैसे लगते हैं. दोनों कार्डों में 16-डिजिट का कार्ड नंबर होता है. दोनों में ही समाप्ति तिथि, मैगनेटिक स्ट्रिप्स और ईएमवी चिप्स लगी होती हैं. दोनों खरीदारी करने के लिए कैश के मुकाबले बेहद आसान और शानदार टूल हैं. ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह की शॉपिंग में इस्तेमा किया जा सकता.
क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड में क्या हैं अंतर…
- डेबिट कार्ड आपके बैंक खाते में मौजूद पैसे का इस्तेमाल करने की आजादी देते हैं. लेकिन यदि आपके अकाउंट में पैसे नहीं हैं तो आप इससे खऱीददारी नहीं कर पाएंगे. जबकि क्रेडिट कार्ड कार्ड इश्यू करने वाले द्वारा आपको पहले से तय एक राशि लिमिट के साथ एक प्रकार से कर्ज देता है. आपके खाते में पैसे हों या न हो लेकिन क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले ने आपको एक तय लिमिट तक खर्चने की अनुमति दी होती है. महिलाओं और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी ऐसी ही अधिक जानकारी के लिए आप यहां क्लिक कर सकती हैं.
- डेबिट कार्ड के इस्तेमाल में जो पैसा खर्च होता है वह आपके बचत या चालू खाते से आता है. जबकि क्रेडिट कार्ड में जो पैसा खर्च होता है वह दरअसल क्रेडिट यानी कर्ज है, जो आपको इश्यू करने वाले वाले बैंक ने पहले से दे रखा है आप चाहे तो इसका उपयोग करें या न करें. नकद या बैंक खाते में पैसे न होने पर भी आप क्रेडिट कार्ड से खरीददारी कर सकते हैं.
- डेबिट कार्ड का कोई बिल नहीं आता क्योंकि आपने उतना ही खर्च किया है जितना बैंक खाते में था. क्रेडिट कार्ड से खरीददारी का बिल आता है जिसका भुगतान करना होता है. आप क्रेडिट कार्ड कंपनी को भुगतान करती हैं.
- दोनों के मामले में किसी प्रकार की फीस और शुल्क की बात करें तो डेबिट कार्ड में अनुअल फीस देनी होती है, लेकिन क्रेडिट कार्ड में कई तरह की फीस लागू होती हैं. इनमें कार्ड लेने की फीस, वार्षिक शुल्क, लेट पेमेंट पर शुल्क लगता है और बाउंस चेक पेनल्टी भी शामिल है.
- डेबिट कार्ड में कोई ब्याज नहीं लिया जाता है. लेकिन यदि पेमेंट डेट तक भुगतान नहीं किया गया है तो क्रेडिट कार्ड मामले में बकाया राशि पर ब्याज लगाया जाता है.