Upgrade
पहल टाइम्स
Advertisement
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home दिल्ली

नाटक और रंगकर्म : संभावनाएं और चुनौतियां

नाटक और रंगमंच को स्कूली शिक्षा और सामाजिक नागरिक जीवन से जोड़े बिना हम उसे विकलांग बना कर रखेंगे।भविष्य का रंगमंच शब्द केन्द्रित रंगमंच होगा“ - राम गोपाल बजाज

pahaltimes by pahaltimes
February 2, 2022
in दिल्ली, राष्ट्रीय, विशेष
A A
Drama and Theater: Possibilities and Challenges
0
SHARES
0
VIEWS
Share on WhatsappShare on Facebook

नई दिल्ली l आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस पेंड़ेमिक के दौरान “नाटक, रंगमंच: संभावनाएं और चुनौतियाँ” विषय पर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया। इस सेमिनार में देश के शीर्ष रंगकर्मी और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्व निर्देशकों को व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया। स्वागत वक्तव्य देते हुए प्राचार्य प्रोफेसर ज्ञानतोष कुमार झा ने कहा कि हिंदी रंगमंच का एक लम्बा इतिहास है। इस दौरान वह कई तरह के प्रयोगों से गुजरा, लेकिन पिछले कुछ दशकों से एक ठहराव महसूस किया जा रहा है।कोविड पेंडेमिक ने उस पर और तरह के संकट आमंत्रित किये हैं।ऐसे में नाटक और रंगमंच की संभावनाओं और चुनौतियों को लेकर फिर से संवाद करने की ज़रूरत है।

उद्घाटन व्याख्यान देते हुए राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्व निदेशक और अभिनेता राम गोपाल बजाज ने कहा कि नाटक और रंगमंच को शासकीय सुरक्षा के साथ नागरिक समाज से भी सहयोग चाहिए। नाटक और रंगमंच हमारे जीवन के अनिवार्य सांस्कृतिक उपादान हैं। इसलिए जैसे हम नए-नए शहर और कॉलोनी विकसित करते हैं, उसी तरह रंगमंच का विकास किया जाना चाहिए। इसका सबसे आसन तरीका तो यह है कि स्कूल जीवन से ही छात्रों को रंगमंच उसी तरह उपलब्ध कराएं जैसे आप उन्हें खेलने के अवसर उपलब्ध कराते हैं। इसके बिना हमारा रंगमंच विकलांग बना रहेगाऔर यह हमारी सांस्कृतिक विकलांगता का सूचक होगा।

इन्हें भी पढ़े

शहीदों की कुर्बानियों को बेच निकल रही तनख्वाह

May 18, 2022

मुंडका अग्निकांड की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराई जाए जांचः बिधूड़ी

May 16, 2022
बिजली सब्सिडी

दिल्ली में अब कैसे छोड़ या ले सकेंगे बिजली सब्सिडी, चूक गए तो पूरा आ जाएगा बिल

May 12, 2022
Railways

IRCTC यूजर्स बुक नहीं कर पाएंगे Rail Ticket, अगर नहीं किए ये 2 काम

May 12, 2022
Load More

रंग निर्देशक प्रोफेसर त्रिपुरारी शर्मा ने कहा कि नाटक और रंगमंच का क्षेत्र आज भी स्त्रियों के लिए चुनौतियों से भरा हुआ क्षेत्र है। मैंने रंगमंच के क्षेत्र में इसीलिए कदम रखा क्योंकि हमारे ज़माने में नाटक में स्त्रियों के लिए कोई विशेष भूमिका नहीं होती थी। उन्हें पुराने ढर्रे में ही प्रस्तुत किया जाता था। मैंने इस चुनौती को स्वीकार किया और स्त्री जीवन के छुपे और दमित पहलुओं को उभार कर सामने लाने का प्रयास किया। इस दृष्टि से अभी बहुत काम करने की ज़रूरत है। अभिनेता, नाटककार एवं लोकगायक विभा रानी ने इस सन्दर्भ में स्त्री नाटककारो और रंगकर्मियों के सामने आने वाली कठिनाइयों का जिक्र करते हुए, उससे पैदा होने वाली नई रंग-दृष्टि और अपनी नयी रचनाशीलता पर बात की।

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की पूर्व निदेशक एवं हिंदी में बाल रंगमंच को स्थापित करने वाली निर्देशक एवं लेखिका प्रोफेसर कीर्ति जैन ने कहा कि नाटक का केंद्र अभिनय है और अभिनय ही नाटक का केंद्र बना रहेगा, क्योंकि दर्शक थिएटर में मंच पर अभिनेता द्वारा निर्मित यथार्थ को देखने देखने के लिए जाता है और शब्द उस अभिनय के पूरक बनकर आते हैं।

इनके आलावा सिनोग्राफर, निर्देशक, अभिनेता एवं प्रोफेसर सत्यव्रत राउत ने दृश्यांकन पर, लाइट प्रोफेसर गोबिंद यादब ने लाइट डिजाईन पर, प्रोफेसर दानिश इक़बाल, अस्मिता थिएटर ग्रुप के निदेशक अरविंद गौर एवं कला समीक्षक संगम पाण्डेय ने नाटक रंगमंच और मीडया के संबंधों पर संवाद किया। विदेसिया नाट्य शैली के प्रवर्तक सतीश आनंद, लोकनाटककार एवं नौटंकी के विषेशज्ञ तथा निर्देशक पद्मश्री पंडित राम दयाल शर्मा एवं पुरबिया नाट्य शैली के प्रवर्तक एवं मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय के पूर्व निदेशक संजय उपाध्याय ने लोकनाटक नाटक और रंगमंच के संबंध पर विचार रखा।

 

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
cm kejriwal

खोखले हैं AAP के भ्रष्टाचार खत्म करने के दावे!

April 12, 2022
CSIR-IHBT on Poshan Maitri Abhiyan

पोषण मैत्री अभियान पर सीएसआईआर-आईएचबीटी में हुआ सेमीनार का आयोजन

April 26, 2022
PM Modi and vladimir Putin

भारत ने रूस से की ये मांग, क्या मान जाएंगे पुतिन?

May 5, 2022
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • शहीदों की कुर्बानियों को बेच निकल रही तनख्वाह
  • मुंडका अग्निकांड की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराई जाए जांचः बिधूड़ी
  • कार खाई में गिरी 3 की मौत

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.