नई दिल्ली। एम्स ने अपने जेनेरिक फार्मेसी की दवाओं की सूची में 63 अतिरिक्त दवाओं को शामिल किया है। इसमें कैंसर, गठिया, डायबिटीज सहित कई बीमारियों की दवाएं शामिल हैं। इस वजह से एम्स की जेनेरिक फार्मेसी में अब 359 तरह की दवाएं निश्शुल्क उपलब्ध होंगी। लिहाजा, एम्स की जेनेरिक फार्मेसी से कैंसर की कुछ महंगी दवाएं पाल्बोसिक्लिब, डैसाटिनिब, मेथोट्रेक्सेट भी निश्शुल्क उपलब्ध होंगी।
इससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। एम्स के निश्शुल्क जेनेरिक फार्मेसी में पहले 296 तरह की दवाएं शामिल थीं। अस्पताल के डॉक्टर लंबे समय से जेनेरिक फार्मेसी की सूची में अतिरिक्त दवाओं को शामिल करने की मांग कर रहे थे, क्योंकि एम्स में हर तरह की बीमारियों से पीड़ित मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं।
जेनेरिक फार्मेसी की सूची में कम दवाएं शामिल होने के कारण मरीजों को डॉक्टरों द्वारा लिखी गई कई दवाएं निश्शुल्क उपलब्ध नहीं हो पाती थीं। ऐसे में मरीज निजी दवा दुकान से या फिर अमृत स्टोर से किफायती शुल्क पर दवा खरीदने को मजबूर होते हैं।
देश में तेजी से फैल रही है डायबिटीज
अब एम्स प्रशासन ने जेनेरिक दवाओं की सूची में अतिरिक्त दवाएं शामिल करने का फैसला किया है। एम्स के मीडिया डिवीजन की चेयरपर्सन डॉ. रीमा दादा ने बताया कि शामिल की गईं अतिरिक्त दवाओं में डायबिटीज के इलाज के लिए जरूरी इंसुलिन इंजेक्शन भी शामिल हैं।
डायबिटीज की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। इस कारण देश डायबिटीज राजधानी के रूप में उभर रहा है। जेनेरिक फार्मेसी इंसुलिन इंजेक्शन भी निश्शुल्क मिल सकेगा। इससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के मरीजों के लिए चिकित्सा सुविधाएं बेहतर सुलभ हो पाएंगी।