हरियाणा सरकार ने मंगलवार को बजट पेश किया. इसमें खेती-किसानी पर खास फोकस किया गया है. सीएम मनोहर लाल ने कृषि एवं सहकारिता के लिए कई अहम घोषणाएं कीं. ताकि प्रदेश कृषि क्षेत्र में पहले की तरह अच्छा प्रदर्शन करते रहे. कृषि क्षेत्र के लिए इस बार 5988.76 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है. जो पिछले वित्त वर्ष से अधिक है. सरकार ने इस साल प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 100 कलस्टर में ‘उत्पादन आधारित प्रोत्साहन कार्यक्रम’ चलाने का एलान किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद बीजेपी शासित सभी राज्य सरकारें जैविक और प्राकृतिक खेती पर जोर दे रही हैं. सीएम ने ‘एकमुश्त निपटान योजना’ के तहत 30 नवंबर, 2022 तक फसली ऋण या अन्य लघु या मध्यम अवधि के कर्जों की मूल राशि का भुगतान करने पर किसानों (Farmers) की दंडात्मक ब्याज सहित ब्याज की पूरी राशि माफ करने का एलान किया.
सीएम मनोहरलाल ने कहा कि यह बजट न केवल अर्थव्यवस्था को शक्ति प्रदान करेगा, बल्कि आने वाले 25 साल में प्रदेश के विकास को तेज गति प्रदान करने का आधार भी बनेगा. इस समय देश की अर्थव्यवस्था (Economy) में हरियाणा का योगदान 3.4 प्रतिशत है. इसे हम 4 प्रतिशत करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में बड़ा योगदान करेंगे. खेती-किसानी और पशुपालन में हरियाणा प्रोग्रेसिव स्टेट के रूप में जाना जाता है. बजट में इस इमेज को बनाए रखने की कोशिश की गई है.
बजट में कृषि क्षेत्र के लिए क्या है खास
- मोटे अनाजों पर अनुसंधान व उत्पादकता में सुधार के लिए प्रषिक्षण हेतु भिवानी में ‘क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र’ की स्थापना.
- जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कपास उत्पादक जिला-सिरसा और फतेहाबाद में सूक्ष्म सिंचाई को प्रोत्साहन.
- गर्मी सीजन के मक्का की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर.
- नई ग्रामीण संपर्क सड़कों के निर्माण के लिए एच.एस.ए.एम.बी. को 200 करोड़ रुपये का अनुदान.
- ‘फसल समूह विकास कार्यक्रम’ के तहत 100 पैक हाउस की स्थापना.
- ‘फसल विविधिकरण कार्यक्रम’ के तहत 20,000 एकड़ में फसल विविधिकरण का लक्ष्य.
- किसानों को किराए पर मषीनें उपलब्ध करवाने हेतु 5 मशीन बैंक केंद्रों की स्थापना.
- किसानों के मार्गदर्शन के लिए ‘प्रगतिशील किसान कृषि दर्शन’ कार्यक्रम.
- पशुपालन व डेयरी क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए 1 लाख अंत्योदय परिवारों की आर्थिक मदद का लक्ष्य.
- ‘एम्ब्रयो ट्रांसफर टैक्नॉलोजी’ (ई.टी.टी.) से पैदा होने वाले बछड़ों पर 10,000 रुपये प्रोत्साहन राशि.
- अंत्योदय परिवार जिनके पास पशुओं को रखने के लिए भूमि या स्थान नहीं है, उन परिवारों को ग्राम पंचायत की भूमि पर एक सांझा शैड की सुविधा.
- मत्स्य पालकों को भी ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ की सुविधा.
- भिवानी में इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क-सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना.
- गुरुग्राम में सार्वजनिक-निजी भागीदारी पद्धति पर जलीय पौधों, मछलियों और जंतुओं का एक आधुनिक एक्वेरियम होगा स्थापित.
- प्रदेश में हैफेड द्वारा ‘गुड़ इकाइयां’ स्थापित करने का निर्णय.
- सभी जिलों में दूध और दुग्ध व अन्य खाद्य उत्पादों की जांच के लिए प्रयोगषालाएं.