चैत्र माह शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ ही चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. इस तिथि से हर साल हिंदू नव वर्ष की भी शुरुआत होती है. उगादी और गुड़ी पड़वा पर्व भी इसी दिन मनाया जाता है. इसलिए हिंदू धर्म में इस तिथि का खास महत्व है. यही कारण है कि लंबे संघर्षों के बाद जब अयोध्या में बन रहे श्री रामजन्म भूमि मंदिर का निर्माण की तिथि भी यही चुनी गई है.
नवरात्रि के पहले दिन सुबह वैदिक पूजन के बाद श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण स्थल के गर्भगृह के ध्वज और ध्वज दंड को बदल दिया गया. अब केसरिया रंग के ध्वज के स्थान पर ‘राम ध्वज’ फहरा दिया गया है. जिस पर श्रीराम और उनकी जन्मभूमि पर निर्माणाधीन मंदिर प्रिंट है. इस दौरान राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी और कार्यदायी निर्माण एजेंसी के इंजीनियर भी मौजूद थे.
श्री राम जन्मभूमि परिसर में ध्वज के बदलाव का इतिहास
अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को जब आंदोलन के बाद विध्वंस हुआ तो गर्भगृह के स्थान पर एक झंडा लगा दिया गया था जो केसरिया रंग का था. उसके बाद जब उसके ऊपर त्रिपाल का शेड बनाया गया. तब उसके चारों कोनों पर केसरिया रंग के झंडे लगाए गए थे.
राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास कहते हैं की बाद में अस्थाई मंदिर में केवल आगे के दोनों कोनों पर केसरिया रंग के झंडे लगाए गए थे. इसके बाद जब सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या विवाद का फैसला आ गया. उसके बाद श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ तो गर्भ गृह की पहचान के लिए उस स्थान पर भगवा रंग की एक पताका लगाई गई थी.
विश्व हिंदू परिषद के अवध प्रांत के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा कहते हैं कि 5 अगस्त 2020 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन किया था. उसी दिन केसरिया रंग की एक ध्वज गर्भगृह पर लगाई गई थी. अब नवरात्रि के पहले दिन विधिवत पूजन के बाद केसरिया झंडे को हटाकर गर्भ गृह पर ‘राम ध्वज’ फहराया गया है. इस राम ध्वज का दंड 50 फिट नीचे से ऊपर आया है, जो तांबे का है. 2025 में जब श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. तब उसके ऊपर भी इसी तरह ‘राम ध्वज’ फहराया जाएगा.
अस्थाई राम मंदिर में भी हुआ विशेष पूजन
नवरात्रि के पहले दिन राम जन्मभूमि परिसर के अस्थाई राम मंदिर में भी विशेष पूजन का आयोजन हुआ. वैदिक रीति-रिवाज के साथ सबसे पहले आदि शक्ति की पूजा की गई. इसके बाद वैदिक पुरोहितों ने रामलला के गर्भगृह में चांदी की चौकी पर कलश स्थापित किया. नवरात्रि के 9 दिन विशेष पूजन का आयोजन का इंतजाम किया गया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्र कहते हैं कि इस बार श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण स्थल पर भी राम जन्म उत्सव को लेकर सजावट की जाएगी. यही नहीं राम जन्मोत्सव भी इस बार धूमधाम से मनाया जाएगा और रामलला के अस्थाई मंदिर में विशेष सजावट और व्यवस्था की जा रही है.