स्पेशल डेस्क/नई दिल्ली: 1 जून 2025 से भारत में कई बड़े नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं, जो हर घर और जेब पर असर डालेंगे। ये बदलाव रसोई गैस (LPG) की कीमतों से लेकर क्रेडिट कार्ड, ईपीएफओ, जीएसटी, और यूपीआई पेमेंट जैसे क्षेत्रों को प्रभावित करेंगे। नीचे इन पांच बड़े बदलावों का विस्तार से विवरण दिया गया है, जो आपकी रोजमर्रा की जिंदगी और बजट पर प्रभाव डाल सकते हैं। आइए बदलाव की बयार किसकी जेब पर पड़ेगा असर ? इस विशेष विश्लेषण में एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते हैं।
LPG सिलेंडर की कीमतों में बदलाव
हर महीने की पहली तारीख को ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (जैसे IOC, HPCL, BPCL) एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में संशोधन करती हैं। 1 जून 2025 को भी 14.2 किलोग्राम वाले घरेलू गैस सिलेंडर और 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में बदलाव संभव है। हाल के महीनों में घरेलू सिलेंडर की कीमतें स्थिर रही हैं, लेकिन कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया है। उदाहरण के लिए, मई 2025 में कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में 17 रुपये की कटौती हुई थी, जबकि घरेलू सिलेंडर की कीमतें अपरिवर्तित रहीं।
क्या पड़ेगा असर ?
घरेलू सिलेंडर की कीमतों में बदलाव से रसोई का बजट प्रभावित होगा। कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि से रेस्तरां, होटल और अन्य व्यवसायों के खर्च बढ़ सकते हैं, जिसका असर खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों पर पड़ सकता है। उपभोक्ता घरेलू सिलेंडर की कीमतों में राहत की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि ये लंबे समय से स्थिर हैं।
CNG, PNG और ATF की कीमतों में बदलाव
1 जून 2025 से सीएनजी (Compressed Natural Gas), पीएनजी (Piped Natural Gas), और एयर टरबाइन फ्यूल (ATF) की कीमतों में भी संशोधन होने की संभावना है। ये बदलाव हर महीने की पहली तारीख को तेल कंपनियों द्वारा किए जाते हैं। हाल के महीनों में सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में मामूली उतार-चढ़ाव देखा गया है, जबकि ATF की कीमतों में बदलाव से हवाई यात्रा की लागत प्रभावित होती है।
सीएनजी कीमतों में वृद्धि से वाहन चालकों के ईंधन खर्च बढ़ सकते हैं, जबकि कटौती से राहत मिलेगी।पीएनजी घरों में पाइप्ड गैस का उपयोग करने वालों के लिए बिल में बदलाव हो सकता है। हवाई ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी से हवाई टिकट महंगे हो सकते हैं, जिससे यात्रियों पर बोझ बढ़ेगा।
उदाहरण: सितंबर 2024 में दिल्ली में ATF की कीमत 97,975.72 रुपये प्रति किलोलीटर से घटकर 93,480.22 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई थी, जिससे हवाई यात्रियों को राहत मिली थी।
क्रेडिट कार्ड नियमों में बदलाव (कोटक महिंद्रा बैंक)
कोटक महिंद्रा बैंक 1 जून 2025 से अपने क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए नए नियम और चार्ज स्ट्रक्चर लागू करेगा। ये बदलाव…ऑटो-डेबिट फेल होने पर चार्ज: अगर ऑटो-डेबिट भुगतान सफल नहीं होता, तो 2% अतिरिक्त चार्ज (न्यूनतम 450 रुपये, अधिकतम 5,000 रुपये) लगेगा।
यूटिलिटी और एजुकेशन पेमेंट पर अतिरिक्त शुल्क यूटिलिटी बिल (जैसे बिजली, पानी) और शिक्षा से संबंधित भुगतान पर अतिरिक्त शुल्क लगेगा। रिवॉर्ड पॉइंट्स में कटौती कुछ ट्रांजेक्शनों पर रिवॉर्ड पॉइंट्स कम किए जा सकते हैं। ये नियम White Reserve, Kotak Solitaire, Kotak Infinite, Kotak Signature और Myntra Kotak Credit Card पर लागू नहीं होंगे।
क्या होगा असर ?
क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं को यूटिलिटी बिल और शिक्षा भुगतान के लिए अतिरिक्त लागत वहन करनी पड़ सकती है। ऑटो-डेबिट फेल होने पर चार्ज से कार्डधारकों को अधिक सावधानी बरतनी होगी। रिवॉर्ड पॉइंट्स की कटौती से क्रेडिट कार्ड के लाभ कम हो सकते हैं। कार्डधारकों को अपने बिल भुगतान की समय-सीमा और ऑटो-डेबिट सेटअप की जांच कर लेनी चाहिए।
EPFO 3.0 का लॉन्च
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) 1 जून 2025 से अपना नया वर्जन, EPFO 3.0, लॉन्च कर सकता है। इस नए सिस्टम के तहत 9 करोड़ से अधिक ईपीएफ सदस्यों को कई नई सुविधाएं मिलेंगी, जिनमें शामिल हैं एटीएम से पीएफ निकासी सदस्य अपने पीएफ खाते से एटीएम के माध्यम से आसानी से पैसे निकाल सकेंगे। डिजिटल सुविधाएं ऑनलाइन क्लेम प्रक्रिया को और सरल किया जाएगा, जिससे दस्तावेजीकरण और प्रोसेसिंग में तेजी आएगी। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने हाल ही में सोशल मीडिया पर EPFO 3.0 के लाभों की जानकारी साझा की थी।
कर्मचारियों को अपने पीएफ फंड तक पहुंच आसान हो जाएगी, खासकर आपातकालीन स्थिति में।डिजिटल प्रक्रिया से समय और परेशानी कम होगी। यह बदलाव विशेष रूप से मध्यम और निम्न-आय वर्ग के कर्मचारियों के लिए लाभकारी होगा, जो अपने फंड का उपयोग तत्काल जरूरतों के लिए कर सकेंगे।
जीएसटी नियमों में बदलाव
1 जून 2025 से जीएसटी (Goods and Services Tax) नियमों में कुछ बदलाव लागू हो सकते हैं। जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई वस्तुओं और सेवाओं के टैक्स स्लैब में संशोधन की संभावना है। एक प्रमुख बदलाव जीएसटीएन (GST Network) से संबंधित है इनवॉइस नंबर केस-इंसेंसिटिव अब इनवॉइस नंबर में अपरकेस (ABC) और लोअरकेस (abc) का अंतर नहीं माना जाएगा, जिससे इनवॉइस प्रक्रिया सरल होगी।
जीएसटी अनुपालन आसान
व्यवसायों के लिए जीएसटी अनुपालन आसान होगा, क्योंकि इनवॉइस नंबर से संबंधित त्रुटियां कम होंगी।टैक्स स्लैब में बदलाव से कुछ वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें प्रभावित हो सकती हैं, जो उपभोक्ताओं की जेब पर असर डालेगा। जीएसटी काउंसिल की बैठक में टैक्स दरों को तर्कसंगत बनाने पर जोर दिया जा सकता है, जिससे कुछ आवश्यक वस्तुओं पर कर कम हो सकता है।
यूपीआई पेमेंट में बदलावों का भी जिक्र
कुछ रिपोर्ट्स में यूपीआई पेमेंट से संबंधित बदलावों का भी जिक्र है, लेकिन 1 जून 2025 के लिए कोई ठोस जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि, कोटक महिंद्रा बैंक के क्रेडिट कार्ड नियमों में बदलाव यूपीआई के माध्यम से बिल भुगतान को प्रभावित कर सकते हैं। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे तेल कंपनियों की वेबसाइट्स (जैसे IOCL, HPCL) पर एलपीजी कीमतों की जांच करें, क्रेडिट कार्ड नियमों को समझने के लिए अपने बैंक से संपर्क करें, और EPFO 3.0 के लाभों का उपयोग करने के लिए अपने पीएफ खाते को अपडेट रखें।
वित्तीय लेन-देन, और बचत पर असर !
1 जून 2025 से लागू होने वाले ये बदलाव आपकी रसोई, यात्रा, वित्तीय लेन-देन, और बचत पर असर डालेंगे। एलपीजी और सीएनजी की कीमतों में बदलाव से घरेलू और परिवहन बजट प्रभावित होगा, जबकि क्रेडिट कार्ड नियमों से खर्च करने की आदतों पर ध्यान देना होगा। EPFO 3.0 और जीएसटी नियमों के बदलाव से दीर्घकालिक लाभ की उम्मीद है, लेकिन तत्काल प्रभाव के लिए सावधानी बरतना जरूरी है।