प्रकाश मेहरा
नई दिल्ली। 2024 लोकसभा चुनाव में इतिहास बनना तय है। अगर नरेंद्र मोदी की बीजेपी सरकार जीत की हैट्रिक बनाती है, तो भी इतिहास बनेगा। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे गैर कांग्रेसी नेता होंगे, जो लगातार तीन बार प्रधानमंत्री पद के लिए चुने जाएंगे। अगर नतीजे बीजेपी के खिलाफ गए तो भी इतिहास बनेगा। 2024 का मुकाबला नरेंद्र मोदी वर्सेज विपक्ष है। राजनीतिक नजरिये से इसे एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन का नाम दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 370 और एनडीए कुनबे को 400+ सीटें मिलेंगी।
कांग्रेस और इंडी अलायंस की सेंधमारी !
एक तरफ़ पीएम मोदी “विकसित भारत संकल्प” को लेकर आगे बढ़ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ़ विपक्ष राम मंदिर से लेकर अल्पसंख़्यकों को आरक्षण देने तक लगातार पीएम मोदी पर हमलावर है. हालांकि पीएम मोदी ने एक रैली को सम्बोधित करते हुए कहा था कि “आरक्षण का जो हक बाबासाहेब ने हमारे दलित, पिछड़े और आदिवासी भाई-बहनों को दिया, उसमें कांग्रेस और इंडी अलायंस की सेंधमारी की बहुत ही ख़तरनाक योजना है”
आरक्षण का जो हक बाबासाहेब ने हमारे दलित, पिछड़े और आदिवासी भाई-बहनों को दिया, उसमें कांग्रेस और इंडी अलायंस की सेंधमारी की बहुत ही ख़तरनाक योजना है pic.twitter.com/QoFKbOuCPY
— Narendra Modi (@narendramodi) April 23, 2024
वैश्विक स्तर पर पीएम मोदी कि छवि !
देश और दुनिया में पीएम मोदी कि छवि और अत्यधिक लोकप्रियता है अंतराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता में सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और इसलिए शायद आज देश ही नहीं दुनिया भी कह रही है ये है “मोदी की गारंटी” इसके साथ ही अगर विपक्ष की बात करें तो मोदी की छवि खराब करने की कोशिश लगातार कर रहे हैं पर विपक्ष को भी ये याद चाहिए कि पीएम मोदी ने पिछले 10 वर्षों में वो किया जो विपक्ष पिछले 70 वर्षों में नहीं कर पाई. हालांकि पीएम मोदी विपक्ष के प्रहार को भी अपना शस्त्र बना लेते हैं.
2019 के वादों पर खरी उतरी मोदी सरकार ?
मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में बड़े फैसले लिए. पांच साल पहले बीजेपी ने अपना घोसणापत्र जारी किया था इसमें किसान, छोटे दुकानदारों, छोटे किसानों और राष्ट्र की सुरक्षा से सम्बंधित कई वादे किए थे. आइए जानते हैं एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा के साथ आख़िर 2019 के घोषणापत्र बड़े वादे क्या थे ? और मोदी सरकार उनको पूरा करने में कहाँ तक कामयाब रही.
राम मंदिर का संकल्प
राम मंदिर भाजपा के बड़े मुद्दे में हमेशा ही शामिल रहा है। इस बार 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा भी हो चुकी है। भाजपा ने पिछले घोषणापत्र में कहा था कि संविधान के दायरे में संभावनाओं को तालाशा जाएगा और मंदिर का निर्माण जल्द करवाया जाएगा। चुनाव के बाद मोदी सरकार बनी और इसके बाद नवंबर 2019 में ही राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया। इसके बाद मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाया गया और 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई। हालांकि यह कार्य शीर्ष न्यायालय से समाधान निकलने के बाद ही हो पाया।
धारा 370 का संकल्प
2019 के घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने का वादा किया गया था। सरकार बनने के बाद ही मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को यह ऐतिहासिक फैसला ले लिया था। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया। इसके अलावा इसके अलावा लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया।
छोटे किसानों को पेंशन
मोदी सरकार ने वादा किया था कि सभी किसानों को 6 हजार रुपये का वार्षिक लाभ मिलेगा। इसके अलावा छोटे और समांत किसानों को 60 साल के बाद पेंशन भी दी जाएगी। किसान सम्मान निधि के तौर पर किसानों को 6 हजार रुपये की सालाना राशि दी जा रही है। हालांकि पेंशन को लेकर किसान सरकार से मांग कर रहे हैं। हरियाणा और पंजाब के किसान अपनी 12 मांगों के तहत पेंशन की भी मांग कर रहे हैं। भाजपा ने किसानों की आय दोगुनी करने का भी वादा किया था।
दुकानदारों को पेंशन
भाजपा के घोषणापत्र में छोटे दुकानदारों को भी 60 साल के बाद पेंशन देने का वादा किया गया था। हालांकि ऐसी कोई योजना शुरू नहीं की गई है। इसके अलावा मोदी सरकार ने हर परिवार के लिए पक्का मकान, ग्रामीण परिवारों को एलपीजी सिलेंडर देने का वादा किया था। प्रधानमंत्री आवास योजना और उज्ज्वला योजना के तहत लाखों लोगों को लाभ मिला है।
समान नागरिक संहिता !
भाजपा ने अपने घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता का भी जिक्र किया था। पार्टी ने कहा था कि सर्वश्रेष्ठ परंपराओं से प्रेरित समान नागरिक संहिता बनाने के लिए भाजपा प्रतिबद्ध है। हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से समान नागरिक संहिता को लेकर अभी तक पहल नहीं की गई है। भाजपा शासित उत्तराखंड ने जरूर समान नागरिक संहिता पर कानून बनाया है। समान नागरिक संहिता को उत्तराखंड में लागू भी कर दिया गया है।
एक देश एक चुनाव का संकल्प !
भाजपा ने अपने घोषणापत्र में एक देश एक चुनाव का संकल्प दोहराया था। इस दिशा में मोदी सरकार ने काम भी किया है। हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अध्यक्षता में बनी समिति ने इसको लेकर रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है। रिपोर्ट के मुताबिक तय माना जा रहा है कि 2029 में लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव साथ में कराए जाएंगे।
इसके अलावा मोदी सरकार ने आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में 75 संकल्प किए थे। इसमें सिंचाई, बैंकिंग, कृषि, शिक्षा, रोजगार और बुनियादी ढांचों से जुड़े वादे शामिल थे।
2024 में अबकी बार 400 पार बीजेपी?
लोकसभा चुनावों के तीसरे चरण के मतदान हो गए. इसके साथ ही अगर बीजेपी 400 पार के नारे के साथ तमाम रैलियां और जनसभाएं कर रहे हैं वहीं विपक्ष आरक्षण,महंगाई,बेरोजगारी जैसे कई मुद्दों को लेकर बीजेपी पर हमलावर है.तो दूसरी तरफ़ विपक्ष के तमाम दिग्गज़ नेता कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. कांग्रेस छोड़ने के बाद नेता बताते हैं कि “जहां राम और सनातन का विरोध हो रहा है जहां विकास कि कोई उम्मीद नहीं वहां हम नहीं रहना चाहते” सूत्रों के मुताबिक इससे कई तस्वीरें साफ़ भी हो रही हैं कि आख़िर कैसे बीजेपी इस बार 400 पार करने जा रही है.
उत्तर के राज्यों में किसका पलड़ा भारी ?
राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें हिंदी पट्टी के चार बड़े राज्यों यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान के अलावा दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और झारखंड पर टिकी हैं। 2019 के आम चुनाव में बीजेपी और एनडीए ने 95 फीसदी से ज्यादा सीटें जीत ली थीं। इसके अलावा गुजरात और महाराष्ट्र में भी बीजेपी को बड़ा फायदा मिला था। कांग्रेस पार्टी के लिए 2024 का चुनाव अस्तित्व की लड़ाई जैसी है।
पूरी रिपोर्ट देखिए प्रकाश मेहरा के साथ