बेंगलुरु: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बुधवार टिप्पणी में साफ कर दिया कि कांग्रेस सरकार इस साल ज्यादा विकास नहीं कर सकती है। उनका मकसद पार्टी के नाराज सांसदों को पांच गारंटियों को लागू करने में आ रही वित्तीय बाधाओं को समझाना था। शिवकुमार ने कहा, ‘गुरुवार की कांग्रेस विधायक दल (Clp) की बैठक में विधायकों को इस बात से अवगत कराया जाएगा। विधायकों की ओर से विकास कार्यों में देरी और मंत्रियों की पहुंच से बाहर होने पर नाखुशी व्यक्त की गई थी, शिवकुमार नें उन्हीं सवालों के जवाब में यह बात कही। शिवकुमार ने विधायकों से कहा है कि वे एक साल के लिए अनुदान न मांगें।
5 गारंटी योजना के लिए अलग रखने पड़े 40 हजार करोड़
जल संसाधन और बेंगलुरु शहर विकास मंत्री शिवकुमार ने कहा, ‘हमें इस साल पांच गारंटियों के लिए 40,000 करोड़ रुपये अलग रखने पड़े हैं। यही वजह है कि इस साल हम विकास के लिए ज्यादा ध्यान नहीं दे सकते। उन्होंने यहां तक कहा कि, ‘हम सिंचाई और सार्वजनिक कार्यों में भी विकास के लिए राशि जारी नहीं कर सकते।’ शिवकुमार ने कहा कि, ‘मुझे पता है कि उम्मीदें बहुत अधिक हैं। हमने विधायकों से धैर्य बनाए रखने के लिए कहा है। इस बारे में विधायकों को सीएलपी बैठक में समझाएंगे।’
सिद्धारमैया के बजट पेश करने से दिखी तस्वीर
शिवकुमार ने विकास के लिए धन उपलब्ध कराने का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी अपने कैबिनेट सहयोगियों से धैर्य रखने को कहा है। इस महीने की शुरुआत में, सिद्धारमैया ने नया 2023-24 बजट पेश किया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस की पांच गारंटियों – गृह ज्योति, गृह लक्ष्मी, अन्न भाग्य, शक्ति और युवा निधि के लिए 35,000 करोड़ रुपये से अधिक निर्धारित किए हैं। इसका नतीजा यह रहा कि राज्य की उधारी में इजाफा होने के साथ 12,522 करोड़ रुपये राजस्व का घाटा भी हुआ।
बीजेपी पर फोड़ा ठीकरा
सिद्धारमैया की तरह, शिवकुमार ने भी पिछली भाजपा सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा, ‘पिछली सरकार ने दिवालियापन पैदा कर दिया। जरूरत से ज्यादा टेंडर जारी कर राज्य का खजाना खाली कर दिया गया।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमें गारंटी लागू करने का अपना वादा निभाना था। पहले साल में ही, हमने अपना वादा निभाया है। इसलिए, सभी को धैर्य रखना चाहिए।’