कानपुर 6 जुलाई (आरएनएस)। नवाबगंज के किडनैपिंग और मर्डर केस का कानपुर पुलिस कमिश्नर ने खुलासा कर दिया है। केस्को में वरिष्ठ लिपिक रमेश चंद्र के पुत्र गोविंद की हत्या उसके ही दोस्तों ने हुक्का पीने को लेकर हुए पुराने विवाद के रंजिश में की थी। पुलिस ने हत्याकांड में शामिल छह दोस्तों को गिरफ्तार करने के साथ ही लूट की कार,मोबाइल,पर्स एटीएम और 50 हजार रुपए बरामद कर लिया है।
पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बुधवार को बताया कि हाई प्रोफाइल छात्र का इलाके के स्लम एरिया के बिगड़ैल लडक़ों से दोस्ती भारी पड़ गई। कुछ दिन पहले मृतक गोविंद के घर परमियापुरवा निवासी दोस्त आकाश उर्फ मोनू आया था। इस दौरान कई दोस्त हुक्का पी रहे थे, लेकिन मांगने के बाद भी गोविंद ने हुक्का पीने के लिए पाइप नहीं दिया। इसके साथ ही गली देकर भगा दिया था। इससे आकाश उर्फ मोनू झल्लाया हुआ था और बदला लेने की सोच रहा था। 1 जुलाई की शाम को आकश अपने दोस्त विष्णु के जन्मदिन पर साथी आदित्य, सौरभ प्रियांशु और सागर बाल्मीकि के साथ मकड़ीखेड़ा सीएनजी पंप के पास केक लेने जा रहा था। इस दौरान अचानक से वहां पर गोविंद अपनी कार के साथ दिख गया। आकाश ने अपने साथियों को बताया कि इसी ने हुक्का पीने का पाइप मांगने पर गाली देकर घर से भगा दिया था। इससे बदला लेना है।
बस इतने में ही सभी गोविंद पुर टूट पड़े। पहले तो उसे बीच सडक़ गिरा-गिराकर जमकर पीटा। इसके बाद तमंचा अड़ाकर उसकी कार में ही बंधक बना लिया। एक हार्डवेयर की दुकान से टेप लेकर उसका मुंह भी चिपका दिया। इसमें से कोई गाड़ी नहीं चलाना जानता था। इसके चलते आकाश ने फोन करके सौरभ को बुलाया। उसे कार में बंधक बनाकर अगवा कर लिया और उन्नाव सिविल लाइंस एटीएम से रुपए निकलवाए।
रात 10:30 बजे गोविंद के घर से फोन पर फोन आने लगे तो अभियुक्तों ने फोन रिसीव करके घरवालो से बात करा दी। इससे कि परिवार के किसी भी सदस्य को कोई शक नहीं हो। तब तक कोई भी हत्या का प्लान नहीं था। लेकिन बहन निशा कह रही थी कि हमने थाने पर रिपोर्ट कर दी है तो अभियुक्तों को यह सुनकर गुस्सा आया और हत्या का प्लान बनाया। कहा कि अगर इसे नहीं मारा तो हम सब फंस जाएंगे।
पुलिस कंप्लेन की बात सुनते ही बनाया हत्या का प्लान
रात 10:30 बजे गोविंद के घर से फोन पर फोन आने लगे तो अभियुक्तों ने फोन रिसीव करके घरवालो से बात करा दी। इससे कि परिवार के किसी भी सदस्य को कोई शक नहीं हो। तब तक कोई भी हत्या का प्लान नहीं था। लेकिन बहन निशा कह रही थी कि हमने थाने पर रिपोर्ट कर दी है तो अभियुक्तों को यह सुनकर गुस्सा आया और हत्या का प्लान बनाया। कहा कि अगर इसे नहीं मारा तो हम सब फंस जाएंगे।
एटीएम से रुपये निकलवाने के बाद वारदात को दिया अंजाम
इसके बाद सभी लोग कार से सिंहपुर, परियर होते हुए उन्नाव सिविल लाइंस आए। अभियुक्तों ने गोविन्द से कहा कि जाओ एटीएम से रुपये निकालकर लाओ तब रोहन उसके पीछे पीछे गया था और एटीएम के बाहर खड़ा रहा वह एटीएम बूथ पर जाकर रूपया निकालकर लाया। इस दौरान हम लोगों ने फैसला कर लिया कि गोविंद वर्मा को मार के कहीं फेंक देते हैं। जब बूथ से वापस आया तो हम लोग उसे जबरन गाड़ी मे बैठाकर वहां से शुक्लागंज के पास चलती गाड़ी में सुनसान रास्ता देखकर आकाश ने रोहन को इशारा किया तभी आगे की सीट पर बैठे प्रियांशू ने गोविन्द के पैर व बगल में बैठे आदित्य ने उसके हाथ मजबूती से पकड़ लिये और आकाश और मैंने गमछे से उसका गला कसा और अधिक दवाब बनाने के लिए गमछे के ऊपर ही हाथ से गला दबाये रखे जब तक की वह मर नही गया। फिर वहां से रामादेवी होते हुए रनियां के पास रायपुर कुकहट के पास नाले मे शव फेंक दिया।
सेंट्रल स्टेशन की पार्किंग से कार बरामद
हत्याकांड के बाद आकाश ने फोन पर सागर वाल्मीकि को बताया था कि हम लोगों ने गोविन्द वर्मा की हत्या करके लाश को ठिकाने लगा दिया है। अपना हिस्सा आकर ले जाओ। तब वह अपनी गाड़ी से आया था और अपनी गाड़ी एक चौराहे के पास ही लगा दी और लूटी हुई चेन व अंगूठी हमने आदित्य को बेचने के लिए दे दिया। तय हुआ था कि जेवरात बिकने के बाद अपना-अपना हिस्सा बांट लेंगे। 20000 रूपए भी सभी ने आपस में बांट लिये थे। इसके बाद कार को सेंट्रल स्टेशन की पार्किंग में खड़ा कर दिया और वहां से टेंपो से सभी अपने-अपने घर पहुंच गए थे।