नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका भारत को एफ-35 स्टेल्थ फाइटर जेट बेचेगा. अगर ऐसा होता है तो भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जिनके पास यह आधुनिक तकनीक वाला फाइटर जैट होगा. ट्रंप ने वॉशिंगटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,’इस साल से हम भारत को कई अरब डॉलर के हथियार बेचने जा रहे हैं. हम भारत को एफ-35 स्टेल्थ फाइटर जेट देने का रास्ता भी साफ कर रहे हैं.’
US को तकनीक चोरी का लगा रहता है डर
हालांकि इस सौदे में कई अड़चनें आ सकती हैं. भारत के रूस के साथ अच्छे रक्षा संबंध हैं और अमेरिका उन देशों को एफ-35 बेचने में सावधानी बरतता है जहां से इसकी तकनीक लीक होने का खतरा हो सकता है. इसी वजह से अमेरिका ने तुर्की को एफ-35 देने से मना कर दिया था, क्योंकि उसे डर था कि रूस इसकी तकनीक चुरा सकता है.
F35 की डील बेहद मुश्किल
एफ-35 की बिक्री में कई साल लग सकते हैं क्योंकि यह एक बेहद मुश्किल प्रक्रिया है. भारत ने 2008 से अब तक अमेरिका से 20 अरब डॉलर से ज्यादा के रक्षा उपकरण खरीदे हैं.’ पिछले साल अमेरिका ने भारत को लगभग 4 अरब डॉलर के ड्रोन, मिसाइल और बम बेचने की मंजूरी दी थी. यह सौदा भारत को रूस से दूर करने की अमेरिका की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. क्योंकि भारत ने 2018 में रूस से S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदा था.
क्यों खास है अमेरिका का F35 फाइटर जैट?
एफ-35 एक बेहद अत्याधुनिक स्टील्थ मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसे लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है. इसे तीन वेरिएंट्स में डिज़ाइन किया गया है ताकि यह अलग-अलग सैन्य आवश्यकताओं को पूरा कर सके.
F-35 के वेरिएंट्स
➤ F-35A – पारंपरिक टेकऑफ और लैंडिंग के लिए, वायुसेना के लिए.
➤ F-35B – वर्टिकल टेकऑफ़ और लैंडिंग (VTOL) की क्षमता, मरीन कॉर्प्स के लिए.
➤ F-35C – एयरक्राफ्ट कैरियर ऑपरेशंस के लिए, नेवी के लिए.
किन-किन देशों पास है F-35?
अमेरिका, यूके, इज़राइल, जापान, ऑस्ट्रेलिया, इटली, नॉर्वे, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, कनाडा समेत कई देश एफ-35 का इस्तेमाल कर रहे हैं.
एफ-35 की प्रमुख विशेषताएं
स्टील्थ टेक्नोलॉजी: यह रडार से बचने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे इसे दुश्मन के इलाके में बिना पकड़े ऑपरेट करने की क्षमता मिलती है.
मल्टीरोल क्षमता: एफ-35 हवा से हवा, हवा से ज़मीन और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर जैसे कई मिशन कर सकता है.
अत्याधुनिक एवियोनिक्स: इसमें एडवांस्ड सेंसर, डेटा लिंक और फ्यूजन टेक्नोलॉजी हैं, जिससे पायलट को जंगी क्षेत्र की पूरी जानकारी मिलती है.
सुपरसोनिक स्पीड: यह 1.6 मैक (1931 किमी/घंटा) तक की स्पीड से उड़ान भर सकता है.
वर्टिकल टेक ऑफ और लैंडिंग (VTOL) (F-35B में): यह खास वेरिएंट छोटे एयरक्राफ्ट कैरियर्स से भी ऑपरेट कर सकता है.
नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर: यह अन्य लड़ाकू विमानों, ड्रोन्स और जमीनी सिस्टम के साथ डेटा साझा कर सकता है, जिससे युद्ध में बढ़त मिलती है.
अत्याधुनिक हथियार प्रणाली: एफ-35 में AIM-120 AMRAAM मिसाइल, JDAM बम, ASRAAM मिसाइल आदि लगाए जा सकते हैं.