तेहरान: ईरान ने फारस की खाड़ी में दो नए युद्धपोतों को उतारा है। 600 टन के ये युद्धपोत क्रूज और एंटी-शिप मिसाइलों से लैस हैं। ईरानी नौसेना के ये नए युद्धपोत सुलेमानी सीरीज के हैं। इनका नाम ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के पूर्व प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी के नाम पर रखा गया है। सुलेमानी की 2020 में इराक के बगदाद में एक ड्रोन हमले में मौत हो गई थी। ईरान के इन नए जंगी जहाजों की क्षमता को देखते हुए इनको समुद्र का साइबरट्रक कहा जा रहा है।
स्पुतनिक की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद ईरान ने विश्व स्तरीय युद्धपोत तैयार किए हैं। 65 मीटर लंबे युद्धपोत 45 समुद्री मील (52 मील प्रति घंटे) की गति से यात्रा कर सकते हैं और 700 किमी दूर लक्ष्य पर हमला करने में सक्षम हैं। युद्धपोतों की यह जोड़ी मिसाइल और वायु रक्षा प्रणालियों से लैस है। इमें मिसाइलों के लिए ईरान की नई नव्वब वर्टिकल लॉन्च प्रणाली, चार 20 मिमी ट्रिपल-बैरेल्ड गैटलिंग बंदूकें, एक 30 मिमी ऑटोकैनन, 16 सैय्यद-सीरीज एसएएम और छह अबू-महदी नौसैनिक क्रूज मिसाइलें शामिल हैं।
‘जहाज के अंदर हेलीकॉप्टर और नौकाएं भी होंगी’
इन जहाजों में एक लड़ाकू हेलीकॉप्टर और तीन हमलावर नौकाएं भी होती हैं। ईरान के रियर एडमिरल अलीरेजा तांगसिरी ने बताया है कि युद्धपोत “शांति का संदेश” फैलाने का इरादे से लॉन्च किए गए है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर कोई समस्या पैदा करने की कोशिश करेगा तो जहाज उसको जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। ईरान के ये दोनों युद्धपोत फारस की खाड़ी और अरब सागर की ओर बढ़ रहे हैं। इस जगह से कुछ ही दूरी पर हूती विद्रोहियों ने हाल के दिनों में इजरायल और अमेरिका के जहाजों को निशाना बनाया है।
ईरान स्पीडबोट-प्रभुत्व वाली तटीय रक्षा रणनीति से आगे बढ़कर एक वास्तविक नौसैनिक शक्ति की ओर बढ़ना चाहता है। सशस्त्र बलों के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ अजीज नसीरजादेह ने कहा है कि ईरान हिंद महासागर की ओर समुद्र में क्षेत्रीय और अतिरिक्त-क्षेत्रीय शक्ति विकसित करने का इरादा रखता है। ईरान पर अमेरिका और इजरायल लगातार ये आरोप भी लगा रहे हैं कि वह हूतियों की मदद कर रहा है। अमेरिका का कहना है कि हूती ईरान के इशारे पर ही उसके जहाजों पर लाल सागर में हमला कर रहे हैं।