नई दिल्ली: चुनावी राज्य झारखंड में बीजेपी के सह चुनाव प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और झारखंड से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे के बयानों से यह सवाल खड़ा होता है कि क्या बीजेपी झारखंड का चुनाव हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे पर लड़ने की तैयारी कर रही है? सरमा इन दिनों लगातार झारखंड का दौरा कर रहे हैं और उनका आरोप है कि राज्य की हेमंत सोरेन सरकार झारखंड में हो रही अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर चुप है और ऐसा वह वोट बैंक की राजनीति के चलते कर रही है।
लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा भी बीजेपी नेताओं के इन बयानों का खुलकर जवाब दे रही है और उसने गृह मंत्री अमित शाह पर सवाल उठाए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद राज्य का राजनीतिक माहौल बहुत तेजी से बदला है और इसे देखते हुए बीजेपी राज्य में सरकार बनाने के लिए अपनी चुनावी रणनीति को लगातार बदल रही है।
सरमा ने किया डेमोग्राफी बदलने का दावा
मुख्यमंत्री सरमा का कहना है कि असम, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा के बाद झारखंड की डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है। उनका दावा है कि झारखंड के संथाल परगना के इलाके में बांग्लादेश से बड़ी संख्या में घुसपैठियों का आना जारी है और वे यहां आदिवासियों और दलितों की जमीनें छीन रहे हैं और उन पर अत्याचार कर रहे हैं।
सरमा ने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दावा किया है कि झारखंड के 20 विधानसभा क्षेत्रें में बांग्लादेशी घुसपैठिए 20 से 48% तक बढ़ गए हैं और अगर ऐसा ही होता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब घुसपैठिए राज्य की विधानसभा में भी बैठेंगे।
बीजेपी ने झारखंड के विधानसभा चुनाव में अपनी सरकार बनाने के इरादे से कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राज्य का प्रभारी बनाया है। चौहान भी लगातार झारखंड का दौरा कर पार्टी कार्यकर्ताओं से चुनाव में एकजुट होने की अपील कर रहे हैं।
झामुमो ने दिया जवाब
बीजेपी की ओर से बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर किए जा रहे दावों के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी उसे जवाब दिया है। झामुमो का कहना है कि पिछले 10 सालों से केंद्र में बीजेपी की 56 इंच वाली सरकार है और बांग्लादेश बॉर्डर की सुरक्षा गृह मंत्रालय के अधीन आती है।
बीजेपी के चाणक्य गृह मंत्री की कुर्सी पर हैं और मोदी सरकार बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के लिए रेड कारपेट बिछाकर चलती है और अब अपनी अक्षमता विपक्ष के ऊपर डाली जा रही है।
सांसद ने कहा- घट रही आदिवासी समुदाय की आबादी
इसी तरह की मांग झारखंड के गोड्डा से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने भी कुछ दिन पहले लोकसभा में उठाई थी। उन्होंने संसद में कहा था कि झारखंड में आदिवासी समुदाय की आबादी घटती जा रही है और इसके लिए बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ जिम्मेदार है।
निशिकांत दुबे ने कहा था कि बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठिए झारखंड में आदिवासी महिलाओं से शादी करते हैं। हालात ऐसे हैं कि झारखंड में कम से कम 100 पंचायतों की मुखिया ऐसी आदिवासी महिलाएं थी जिन्होंने मुस्लिम पुरुषों से शादी की थी। उन्होंने कहा था कि यह हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा नहीं है बल्कि झारखंड के आदिवासी इलाकों में बाहरी लोगों की घुसपैठ का है।
उन्होंने दावा किया था कि संथाल परगना के इलाके में 2000 में आदिवासियों की आबादी 36% थी वह घटकर 26% रह गई है। उन्होंने सवाल उठाया था कि इतनी बड़ी संख्या में आदिवासी कहां चले गए? झारखंड में मुस्लिम समुदाय की आबादी 15% है।