नई दिल्ली: “एक सेब रोज खाओ, डॉक्टर से दूर रहो” वाली कहावत काफी हद तक सही है यह कहावत इस बात पर जोर देती है कि सेब जैसे पौष्टिक फल खाने से स्वास्थ्य बेहतर रहता है, जिससे बीमारियों और डॉक्टर के पास जाने की जरूरत कम हो सकती है। आइए इस कहावत की सच्चाई को वैज्ञानिक और पोषण के दृष्टिकोण को एक्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते हैं।
सेब के पोषण संबंधी फायदे
सेब में फाइबर, विटामिन (जैसे विटामिन C) और एंटीऑक्सिडेंट्स जैसे पॉलीफेनॉल्स होते हैं। एक मध्यम आकार का सेब (लगभग 182 ग्राम) में लगभग 95 कैलोरी, 4 ग्राम फाइबर और 14% दैनिक विटामिन C की जरूरत पूरी होती है। इसमें कोई कोलेस्ट्रॉल या संतृप्त वसा नहीं होती, जो इसे हृदय के लिए अच्छा बनाता है।
सेब में मौजूद घुलनशील फाइबर (पेक्टिन) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। एंटीऑक्सिडेंट्स सूजन को कम करते हैं और हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकते हैं।
- 2013 में प्रकाशित एक अध्ययन (British Medical Journal) में पाया गया कि नियमित रूप से सेब खाने से हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है।
- सेब का फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज की समस्या को कम करता है। यह आंत के माइक्रोबायोम को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है।
- सेब में कम कैलोरी और उच्च फाइबर होने के कारण यह लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे वजन नियंत्रण में मदद मिलती है।
- 2008 के एक अध्ययन में पाया गया कि सेब खाने से भूख कम होती है, जो मोटापे को नियंत्रित करने में सहायक है।
डायबिटीज का जोखिम
सेब में मौजूद फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक अध्ययन के अनुसार, सेब जैसे फलों का नियमित सेवन टाइप-2 डायबिटीज के जोखिम को कम कर सकता है।
कैंसर से बचाव के लिए सेब में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स और फ्लेवोनॉइड्स कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद कर सकते हैं, खासकर फेफड़े और कोलोरेक्टल कैंसर में।
क्या हैं कहावत की सीमाएँ !
केवल सेब खाने से सभी बीमारियाँ दूर नहीं रहेंगी। संतुलित आहार, जिसमें विभिन्न फल, सब्जियाँ, अनाज, प्रोटीन और व्यायाम शामिल हों, जरूरी है। कुछ स्वास्थ्य समस्याएँ (जैसे जेनेटिक बीमारियाँ या गंभीर रोग) केवल आहार से ठीक नहीं हो सकतीं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूरी है। यह कहावत एक प्रेरक नारा है, जो स्वस्थ खानपान को बढ़ावा देता है, लेकिन इसे शाब्दिक रूप से नहीं लेना चाहिए।
स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा !
कई अध्ययनों से पता चलता है कि सेब जैसे फलों का नियमित सेवन पुरानी बीमारियों (हृदय रोग, डायबिटीज, मोटापा) के जोखिम को कम करता है। 2019 में “The Lancet” में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, फल और सब्जियों का अधिक सेवन मृत्यु दर को कम करता है। हालांकि, कोई एक फल या भोजन “डॉक्टर से दूर” रखने की गारंटी नहीं देता। यह समग्र स्वस्थ जीवनशैली का हिस्सा है।
“एक सेब रोज खाओ, डॉक्टर से दूर रहो” कहावत काफी हद तक सही है, क्योंकि सेब एक पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक फल है, जो कई बीमारियों के जोखिम को कम करता है। लेकिन यह अकेले सभी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान नहीं है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और समय पर चिकित्सीय सलाह लेना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। सेब को अपनी डाइट में शामिल करना एक अच्छी आदत है।