जल के महत्व और उसे संचित करने के सम्बन्ध में यूपी उद्योग व्यापार मंडल की जिला पर्यावरण समिति के तत्वावधान में एक गोष्ठी करवाई। स्थानीय रेलवे रोड स्थित कार्यालय पर आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए व्यापार मंडल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व जिलाध्यक्ष शीतल टंडन, जिला महामंत्री रमेश अरोड़ा, जिला कोषाध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने संयुक्त रूप से कहा कि आज के दौर में जल संकट से जूझ रहे मानव के लिए धन बचाने से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है जल बचाना।
उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है, और जल के बिना न तो मनुष्य का जीवन संभव है और न तो वह किसी कार्य को संचालित कर सकता है। जल मानव की मूल आवश्यकता है। यूं तो पृथ्वी के धरातल का 71 प्रतिशत भाग जल से भरा है। किन्तु इनमें से अधिकतर हिस्से का पानी खारा अथवा पीने योग्य नहीं है। पृथ्वी पर मनुष्य के लिए जितना पेयजल विद्यमान है, उससे कहीं अधिक जल प्रदूषित हो चुका है। टंडन ने कहा कि जिस तरह से पेयजल की समस्या उत्पन्न हो रही है जिस अनुपात में जल प्रदूषण में वृद्धि हो रही है तो वह दिन दूर नहीं जब अगला विश्व युद्ध पानी के लिए लड़ा जाएगा। भूमिगत जल में लगातार गिरावट आ रही है और औद्योगीकरण के कारण नदियों का जल प्रदूषित हो रहा है।
टंडन ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों में वायु के बाद जल महत्वपूर्ण स्थान रखता है, इसके अभाव में जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। मनुष्य के शरीर में जल की मात्रा 65 प्रतिशत होती है, रक्त के संचालन व शरीर के विभिन्न अंगों को स्वस्थ रखने के अतिरिक्त शरीर की अन्य प्रक्रियाओं को जल की समुचित मात्रा की आवश्यकता होती है। जल संरक्षण पोधारोपण में भी सहायक होता है। उन्होंने पूरे वर्ष भर में विभिन्न पर्यावरण दिवसों के अवसर पर गोष्ठी व जनजागरण अभियान चलाए जाने की मांग की। गोष्ठी में मेजर एस.के.सूरी, रमेश डावर, पवन कुमार गोयल, बलदेव राज खुंगर, संदीप सिंघल, कर्नल संजय मिड्ढा, गुलशन नागपाल, अनिल गर्ग, अभिषेक भाटिया, संजीव सचदेवा, विक्रम कपूर, रवि टंडन, संजय महेश्वरी आदि व्यापारी प्रतिनिधि शामिल रहे।