एसडीएम छाता ने स्वीकार की हारे हुए निकटतम प्रत्याशी की अपील
मथुरा 3 अगस्त (आरएनएस)। ग्राम पंचायत छाता देहात के लिए प्रधान पद की मतगणना दोबारा की जाएगी। एसडीएम छाता ने हारे हुए निकटतम प्रत्याशी के आवेदन को स्वीकार किया है। आठ अगस्त को दोपहर 12 बजे से मतगणना शुरू होगी। हारे हुए प्रत्याशी एवं याचिकाकर्ता पूर्व प्रधान जसवंत सिंह ने एसडीएम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में मतगणना के दौरान हुई कई तरह की गड़बड़ी को उठाया है। याचिकाकर्ता के द्वारा साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत मतगणना चार्ट प्रपत्र 43 व 46 से यह भी सिद्ध किया गया है कि मतगणना के अंत में बनाए गए प्रपत्रों में मतपत्रों का जोड़ एवं अन्य कुल मतों के जोड़ में गलती की है। याचिकाकर्ता के द्वारा प्रस्तुत मतगणना प्रपत्र 43 जो मतगणना के राउंड तीन का है जिसमें अंकित मतों की संख्या 36, 108, 0, 01, 30, 01, 0 है जिनका योग 194 है किंतु 194 अंकित कर दिया गया है। इसी प्रकार से मतगणना राउंड पांच के प्रपत्र 43 में राजेन्द्र सिंह को मिले मतों का योग 116 अंकित किया गया है परंतु प्रपत्र 46 में राउण्ड पांच में राजेन्द्र सिंह को मिले मतों का योग 46 अंकित किया गया है।
इस प्रकार से दोनों प्रपत्रों में अंकित गणना में मतपत्रों की कुल संख्या समान नहीं है। प्रथम दृष्टया स्पष्ट होता है कि मतगणना कर्मियों ने मतपत्रों का जोड सही नहीं लिखा है जिसके कारण भ्रम की स्थिति पैदा हुई है। इसी तरह की कई दूसरी गडबडी भी उजागर की हैं। ग्राम पंचायत के दौरान मतगणना के दौरान हुई गड़बड़ी की आशंका को लेकर छाता देहात प्रधानी की मतगणना में हुई गड़बड़ी के संबंध में जसवंत सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए छाता देहात प्रधानी की मतगणना आठ अगस्त को दोपहर 12 बजे से दोबारा की जाएगी। उप जिलाधिकारी श्वेता ने बताया कि याचिकाकर्ता जसवंत सिंह द्वारा मतपत्रों की पुन: मतगणना कराए जाने के संबंध में याचिका दायर की थी। इसे स्वीकार करते हुए दोबारा मतगणना के आदेश दिए गए हैं। वहीं वर्तमान छाता देहात प्रधान कृष्ण कांत उर्फ बॉबी ने बताया कि यह चुनाव जनता ने जिताया है और सच की जीत हुई है दोबारा मतगणना में भी सच की ही जीत होगी। साथी ही याचिकाकर्ता पूर्व प्रधान जसवंत सिंह ने बताया कि मतगणना के दौरान वोटों की गड़बडियां की गई थी जो व्यक्ति उस समय मौजूद ही नहीं थे उनके वोट भी डलवाई गई थीं तथा मतपत्रों को लेकर और भी गडबडियां की गईं थी, इसलिए मतगणना दोबारा होना बहुत आवश्यक है।