नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में एमसीडी चुनावों पर लगाए जा रहे कयासों पर विराम लग गया है. दिल्ली चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव अप्रैल के महीने में होंगे. कोरोना वायरस को देखते हुए इस बार के चुनाव में आयोग खास तैयारी कर रहा है. बता दें कि दिल्ली के 272 वार्डों के लिए इस बार चुनाव कार्य के लिए 72 अधिकारी नियुक्त किए गए हैं.
2017 के एमसीडी चुनाव में एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की जितनी संख्या थी उतनी इस बार नहीं रहेगी. चुनाव आयोग ने कहा है कि कोरोना को देखते हुए इस बार के चुनाव में एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1250 मतदाता ही वोट डालेंगे. इससे इस बार 2017 के चुनाव की तुलना में पोलिंग स्टेशनों की संख्या अधिक होगी.
इतने पोलिंग स्टेशन होंगे इस बार
खबरों के अनुसार इस बार के चुनाव में 16 हजार पोलिंग स्टेशन बनाए जा सकते हैं. बता दें कि पिछले बार के चुनाव में 13 हजार से अधिक पोलिंग स्टेशन बनाए गए थे. उस समय एक पोलिंग स्टेशन पर वोटरों की अधिकतम संख्या 1500 तय की गई थी. इस बार एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1250 वोटर्स के ही वोट करने से मतदान गतिविधियों में सोशल डिस्टेंसिंग का ठीक तरीके से पालन कराने में आसानी होगी.
चुनाव आयोग ने अधिकारियों को वोटरों की सुविधाओं को देखते हुए मतदान केंद्र बनाने का निर्देश दिया है. इसमें कहा गया है कि मतदान केंद्र की दूरी वोटर्स के घरों से एक किलोमीटर की दूरी से अधिक नहीं होनी चाहिए. इस बार कुल वोटर्स की संख्या 5 जनवरी को जारी वोटर रोल के अनुसार तय होगी.
पिछले चुनाव में कितना हुआ था मतदान
2017 में दिल्ली की तीनों नगर निगमों- उत्तरी दिल्ली, दक्षिण दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के चुनाव 23 अप्रैल को कराए गए थे. इसके नतीजे 26 अप्रैल को घोषित किए गए थे. इस चुनाव में करीब 54 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया था. इससे पहले 2012 के चुनाव में 53.3 फीसदी मतदान हुआ था.
इतनी है मतदाताओं की संख्या
दिल्ली के तीनों नगर निगमों में करीब डेढ़ करोड़ मतदाता हैं. इनमें से 81.3 लाख पुरुष और 67.6 लाख महिला मतदाता हैं. चुनाव आयोग ने नई मतदाता सूची का प्रकाशन जनवरी के पहले हफ्ते में किया था.