प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में 29 जुलाई से 1 अगस्त तक अब तक की सबसे बड़ी आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल, ‘एक्सरसाइज सुरक्षा चक्र’, आयोजित की जाएगी। यह अभ्यास राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), भारतीय सेना, दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयास से होगा। इसका मुख्य उद्देश्य भूकंप और औद्योगिक रासायनिक आपदाओं जैसी बड़ी आपात स्थितियों में समन्वय, तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमता को परखना और मजबूत करना है। यह बहु-राज्यीय, बहु-एजेंसी अभ्यास दिल्ली-एनसीआर के 18 जिलों में आयोजित किया जाएगा, जो इसे क्षेत्र का सबसे व्यापक आपदा प्रबंधन अभ्यास बनाता है।
अभ्यास का पूरा कार्यक्रम
29 जुलाई को मानेकशॉ सेंटर, दिल्ली में उच्च-स्तरीय बैठक होगी, जिसमें सभी भागीदार एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी एनसीआर की आपदा प्रोफाइल और रणनीतियों पर चर्चा करेंगे। यह संगोष्ठी आपदा जोखिम और तैयारियों की योजना को मजबूत करने का आधार तैयार करेगी।
30 जुलाई को टेबल टॉप एक्सरसाइज (TTEx) आयोजित होगी, जिसमें आपदा प्रबंधन अधिकारी सैद्धांतिक स्तर पर योजनाओं का परीक्षण करेंगे। यह सिमुलेशन-आधारित अभ्यास नियंत्रित वातावरण में प्रतिक्रिया रणनीतियों को परखने के लिए होगा।
फील्ड मॉक ड्रिल का आयोजन
फील्ड मॉक ड्रिल का आयोजन होगा, जिसमें दिल्ली-एनसीआर के 18 जिलों में एक बड़े भूकंप और औद्योगिक रासायनिक रिसाव जैसी आपदा की स्थिति को सिमुलेट किया जाएगा। इस दौरान सायरन, आपातकालीन वाहनों (एंबुलेंस, दमकल गाड़ियां, पुलिस और सेना के वाहन) की आवाजाही, राहत शिविर, चिकित्सा शिविर और नकली बचाव अभियान जैसी गतिविधियां होंगी।
शामिल जिले यह मॉक ड्रिल दिल्ली के सभी 11 जिलों (मध्य दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, नई दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, उत्तर-पूर्वी दिल्ली, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली, शाहदरा, दक्षिणी दिल्ली, दक्षिण-पूर्वी दिल्ली, दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली), हरियाणा के 5 जिले (गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूंह, रेवाड़ी) और उत्तर प्रदेश के 2 जिले (गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद) में होगी।
शामिल एजेंसियां और दृष्टिकोण
यह अभ्यास ‘Whole-of-Government’ अप्रोच पर आधारित है, जिसमें भारतीय सेना, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), नागरिक सुरक्षा, पुलिस, तकनीकी और वैज्ञानिक संस्थान जैसे भारतीय मौसम विभाग (IMD), नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) और सिविल सोसाइटी संगठन शामिल होंगे। इसका उद्देश्य विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करना, आपातकालीन सेवाओं की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को परखना और नागरिकों को आपदा के समय सतर्कता और संयम के लिए तैयार करना है।
जनता की भूमिका और अपील
NDMA और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने जनता से अपील की है कि 1 अगस्त को सायरन, राहत वाहनों की आवाजाही, और बचाव कार्यों जैसी गतिविधियों को देखकर घबराएं नहीं, क्योंकि यह एक नियोजित अभ्यास है। नागरिकों से सहयोग की अपील की गई है ताकि अभ्यास सुचारू रूप से हो सके। अफवाहों से बचने और किसी भी भ्रम की स्थिति में स्थानीय प्रशासन या पुलिस को सूचित करने की सलाह दी गई है। जनता को यह भी सुझाव दिया गया है कि वे अपने आस-पास के लोगों को इस अभ्यास के बारे में जागरूक करें ताकि डर या अफवाहों से बचा जा सके।
मॉक ड्रिल का महत्व
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र सिस्मिक जोन IV में आता है, जहां 5.5 से 7.0 तीव्रता के भूकंप का खतरा रहता है। हाल के महीनों में छोटे भूकंपों की बढ़ती घटनाएं (जैसे 8 जून 2025 को 2.3 और 10 जुलाई 2025 को 4.4 तीव्रता के झटके) इस अभ्यास की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं।
यह मॉक ड्रिल आपदा प्रबंधन की तैयारियों को परखने, कमियों को पहचानने और भविष्य में वास्तविक आपदा की स्थिति में प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, औद्योगिक रासायनिक रिसाव जैसी आपदाओं से निपटने की रणनीतियों को भी परखा जाएगा, जो एनसीआर के औद्योगिक क्षेत्रों के लिए प्रासंगिक है।
यह अभ्यास 7 मई 2025 को देशभर के 244 जिलों में आयोजित सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल से अलग है, जो युद्ध जैसी आपात स्थितियों के लिए थी। ‘एक्सरसाइज सुरक्षा चक्र’ विशेष रूप से भूकंप और रासायनिक आपदाओं पर केंद्रित है। जनता को सलाह दी जाती है कि वे इस अभ्यास को गंभीरता से लें, लेकिन किसी भी तरह के डर या भ्रम से बचें। यह अभ्यास नागरिकों की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन की क्षमता को बढ़ाने के लिए है। यह मॉक ड्रिल दिल्ली-एनसीआर को आपदाओं के लिए अधिक लचीला और तैयार बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।