नई दिल्ली : MRF के शेयर 13 जून को एक लंबे इंतजार के बाद 1 लाख रुपये के स्तर को पार करते दिखे। आज ये स्टॉक 1 फीसदी से ज्यादा की बढ़त के साथ खुला था। सुबह 09.25 बजे के आसपास एनएसई पर ये स्टॉक 100050 रुपये के आसपास दिख रहा था। स्टॉक ने इसके पहले मई में फ्यूचर्स एंड ऑप्शन सेगमेंट में 1 लाख रुपये का स्तर छुआ था। पिछले एक साल में एमआरएफ के शेयर में 45 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है। मार्च 2020 के 55000 रुपये के निचले स्तर से इसमें 81 फीसदी की तेजी आ चुकी है। दिसंबर 2022 में, स्टॉक 94500 रुपये तक बढ़ गया था। लेकिन ये उस स्तर को बनाए रखने में विफल रहा।
कंपनी के Q4 के परिणाम घोषित किए जाने के बाद स्टॉक में 3 मई 2023 के बाद तेज उछाल आया। मार्च 2023 में खत्म हुई चौथी तिमाही में कंपनी का कंसोलीडेटेड मुनाफा सालाना आधार पर 86 फीसदी की बढ़त के साथ 313.53 करोड़ रुपये पर रहा। पिछले साल की इस अवधि में कंपनी का मुनाफा 168.53 करोड़ रुपये पर रहा था।
मार्च 2023 में खत्म हुई चौथी तिमाही में कंपनी की कमाई सालाना आधार पर 10.12 फीसदी की बढ़त के साथ 5841.7 करोड़ रुपये पर रहा। कंपनी के बोर्ड ने 10 रुपए फेस वैल्यू के प्रति शेयर पर 169 रुपए यानी 1690 फीसदी डिवीडेंड का भी ऐलान किया है।
क्या है ब्रोकरेज की राय
ब्लूमबर्ग के मुताबिक स्टॉक में केवल 1 बाय कॉल, 2 होल्ड और 8 सेल कॉल हैं। स्टॉक पर 12 महीने का टारगेट प्राइस 84047 रुपये है, जो मौजूदा स्तर से 16 प्रतिशत की गिरावट का संकेत देता है। अधिकांश एनालिस्ट ने इसके हाई वैल्यूशन के कारण स्टॉक पर सेल रेटिंग दी है। 55x के ट्रेलिंग प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो पर यह सबसे महंगा टायर स्टॉक है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का कहना है कि वित्त वर्ष 2025 के प्रति शेयर अनुमानित आय के 22.3x गुणे पर इस स्टॉक का वर्तमान मूल्यांकन दूसरे प्रतिस्पर्धी टायर शेयरों की तुलना में काफी महंगा है। दूसरे शब्दों में कहें तो टायर सेक्टर के कई दूसरे शेयर इस समय काफी अच्छे भाव में मिल रहे हैं और इनकी गुणवत्ता भी तुलनात्मक रुप से एमआरएफ से बेहतर है।