पेरिस. फ्रांस (France) की राजधानी पेरिस (Paris) इन दिनों अशांत और आक्रोशपूर्ण विरोध प्रदर्शन को झेल रही है. दरअसल, पेरिस पुलिस ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर एक किशोर को गोली मार कर हत्या कर दी थी. इसके बाद फ्रांस ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों ने पेरिस पुलिस की इस घटना की घोर निंदा की और पुलिस फोर्स की इस तरह की अमानवीय कार्रवाई और उनके काम करने के तौर तरीकों पर बड़े सवाल भी खड़े किये हैं.
पुलिस इस मामले में खुद का सही साबित करने पर तुली है. इसके बाद पेरिस के कई शहरों में पुलिस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गए हैं. शहर में आगजनी, तोड़फोड़ की घटनाएं बढ़ गई हैं और दंगे फैलने का अंदेशा जताया जा रहा है जिसके लिए दंगा निरोधक टीम की तैनाती की जा रही है.
विरोध प्रदर्शन और आगजनी करने के आरोप में पुलिस ने करीब 150 लोगों को गिरफ़्तार भी किया है. (Photo-AFP)ट्रैफिक स्टॉप पर 17 वर्षीय लड़के की पुलिस गोलीबारी में मौत हो जाने के बाद से पूरा फ्रांस जल रहा है. पूरे देश में अब अशांति और दंगों फैलने लगा है. बवाल के दूसरे दिन के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (Emmanuel Macron) बुधवार सुबह एक सरकारी संकट बैठक की अध्यक्षता की. बताया जाता है कि विरोध प्रदर्शन और आगजनी करने के आरोप में पुलिस ने करीब 150 लोगों को गिरफ़्तार भी किया है.
पइस दौरान प्रदर्शनकारियों ने टाउन हॉल, स्कूल, पुलिस स्टेशन जला दिए और वहां पर गंभीर हमले किए. फ्रांस के आंतरिक मामलों के मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने इस तरह के विरोध प्रदर्शन, आगजनी, तोड़फोड़ को ‘गणतंत्र के प्रतीकों के ख़िलाफ़ असहनीय हिंसा की रात’ करार दिया है.
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर आग के गोले भी फेंके और कारों में आग लगा दी. पेरिस के आसपास की सब-सिटीज में सार्वजनिक इमारतों को आग के हवाले कर दिया गया. साथ ही दक्षिण-पश्चिम में टूलूज़ शहर और उत्तर में कस्बों में भी आग लगा दी. वहीं, अमीन्स, डिजॉन और सेंट इटियेन और ल्योन के बाहर भी गड़बड़ी की घटनाएं सामने आई हैं.
प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए बुधवार की रात को पेरिस में और उसके आसपास करीब 2,000 से ज्यादा दंगा पुलिस तैनात की गईं, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर आतिशबाजी शुरू कर दी है. राजधानी के बाहर नैनटेरे शहर में आग लगा दी गई जहां 17 वर्षीय लड़के नाहेल की मंगलवार को यातायात रोकने के दौरान करीब से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हुआ कि पुलिस ने हत्या की परिस्थितियों के बारे में झूठ बोला है.
फ्रांसीसी मीडिया ने ग्रेटर पेरिस परिक्षेत्र में कई जगहों पर घटनाओं की सूचना दी है. सोशल मीडिया पर मौजूद वीडियो में पेरिस के पूर्वी किनारे पर मॉन्ट्रियल टाउन हॉल में दर्जनों आगजनी की घटनाएं देखी जा सकती हैं.
वहीं जिस तरह से पूरे फ्रांस में विरोध प्रदर्शन और बेकाबू दंगे हो रहे हैं उसको लेकर राजनीतिक लोग बेहद चिंतित हैं. उनका मानना है कि निरंतर बढ़ते दंगों और अशांति को नियंत्रित करना कठिन हो सकता है. बताया जाता है कि 2005 में पेरिस के बाहर क्लिची-सूस-बोइस में एक बिजली सबस्टेशन में पुलिस से छुपे हुए दो युवा लड़कों की मौत के बाद कई सप्ताह तक अशांति माहौल रहा था. इसके बाद फ्रांस में राष्ट्रीय आपातकाल के हालातों की घोषणा तक करनी पड़ी थी. इस दौरान उपद्रवियों ने करीब 9,000 से ज्यादा वाहनों और दर्जनों सार्वजनिक भवन और व्यवसाय आदि को आग के हवाले कर दिया था.