नई दिल्ली। देश में ऑनलाइन शॉपिंग करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी के मामले भी सामने आ रहे हैं। अकसर लोग वेबसाइट पर उपलब्ध फर्जी रिव्यूज पर भरोसा करके लोग सामान खरीद लेते हैं। फिर वह सामान खराब निकल जाता है। इससे ग्राहकों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
अब इस तरह के स्कैम से ग्राहकों को बचाने के लिए भारत सरकार जल्द ही बड़ा फैसला लेने जा रही है। सरकार ने इन फर्जी रिव्यू पर लगाम लगाने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश पर परामर्श को लेकर ई-कॉमर्स कंपनियों और ऑनलाइन समीक्षाओं से जुड़े संगठनों की बैठक बुलाई। मंत्रालय ने ऑनलाइन उपभोक्ता समीक्षा (क्वॉलिटी कंट्रोल) आदेश, 2024 का एक ड्राफ्ट भी जारी किया है। इसमें प्रोडक्ट के वैरिफाइड खरीदारों और उपयोगकर्ताओं से ही समीक्षा स्वीकार करने का प्रस्ताव किया गया है।
नोटिस के अनुसार, गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के तहत ग्राहकों और विक्रेताओं को जोड़ने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों और समीक्षा से जुड़े संगठनों को निर्धारित जरूरतों के स्व-अनुपालन की घोषणा करने करने को कहा गया है। गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के ड्राफ्ट में बताया गया है कि संगठन उन रिव्यू को पब्लिश नहीं करेंगे, जो खुद या सप्लायर, विक्रेता या किसी थर्ड पार्टी से खरीदी या लिखवाई गई हो।
नोटिस में कहा गया है, संबंधित संगठन को भारतीय मानक ब्यूरो के पास रजिस्टर कराने और नियमों के अनुपालन की घोषणा करने की जरूरत है। इस संबंध में क्यूसीओ के मसौदे पर चर्चा के लिए सचिव की अध्यक्षता में संबंधित पक्षों की बैठक 15 मई, 2024 को बुलाई गई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया है कि ऑनलाइन उपभोक्ता समीक्षाओं का प्रबंधन और प्रकाशन करने वाले सभी संगठन नियमों का पालन करेंगे। इसमें फर्जी रिव्यू पब्लिश करने पर रोक भी शामिल है और आदेश में निर्धारित जरूरतों के स्वयं के स्तर पर अनुपालन की घोषणा करते हुए बीआईएस के साथ खुद को समीक्षा प्रशासक के रूप में पंजीकृत करना होगा।