प्रकाश मेहरा
नई दिल्ली: रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना के लिए धन मुहैया नहीं कराने पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार को आड़े हाथ लिया। अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय परियोजना प्रभावित हो रही है और पैसा विज्ञापन पर खर्च हो रहा है।
जस्टिस संजय किशन कौल और सुधांशु धूलिया की पीठ ने दिल्ली सरकार को विज्ञापन के मद से 418 करोड़ रुपए आरआरटीएस परियोजना के लिए स्थानांतरित करने का आदेश दिया। हालांकि पीठ ने आदेश पर एक सप्ताह की रोक लगाते हुए सरकार को खुद से परियोजना के लिए धन देने का निर्देश दिया। अदालत ने साफ किया कि यदि सरकार निर्धारित समय में धन मुहैया नहीं कराती तो विज्ञापन के मद वाले धन का स्थानांतरण संबंधी आदेश प्रभावी हो जाएगा।
धन देने का भरोसा दिया था: शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद परियोजना के लिए धन नहीं दिए जाने पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम ने अदालत में अर्जी दाखिल की थी। इस पर जस्टिस कौल ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपने धन देने का भरोसा दिया था। फिर अदालत के आदेश का पालन क्यों नहीं किया?
वित्त सचिव ने जारी नहीं किया पैसा: दिल्ली सरकार ने कहा कि उसने पैसा देने का अनुमोदन कर दिया था, लेकिन वित्त सचिव ने पैसा जारी नहीं किया।