करौली। पांचना बांध के पानी के मुद्दे को लेकर गुड़ला-पांचना संघर्ष समिति की पांचना बांध पर हुई महापंचायत में बांध के समीपवर्ती 39 गांवों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने की मांग दोहराई गई। वक्ताओं ने कहा कि इस मामले में सरकार ने वादा खिलाफी की है और 39 गांवों में पानी नहीं मिलने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। सरकार ने गुड़ला-पांचना लिफ्ट परियोजना के जरिए 39 गांवों में पानी देने की बात कही थी, लेकिन महज 13 गांवों के लिए परियोजना बनाई, जिसका भी किसानों को लाभ नहीं मिल रहा है।
इस मौके पर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला, गुड़ला-पांचना संघर्ष समिति के अध्यक्ष बसंताराम, अशोकसिंह धावाई, डॉ. रूपसिंह गुर्जर, हाकिम सिंह, भानूप्रताप गुर्जर, एडवोकेट रामस्वरूप बैंसला, बहादुर सिंह ताली, एडवोकेट रमेश गुर्जर आदि ने कहा कि पांचना बांध निर्माण में बांध के समीपवर्ती किसानों की भूमि चली गई और उन्हें ही पानी नहीं मिले, यह बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने नाराजगी जताई कि पांचना-गुड़ला लिफ्ट परियोजना से क्षेत्र के सभी गांवों को नहीं जोड़ा है और परियोजना में जो काम हुआ है वह घटिया स्तर का है। नहरों की चौड़ाई कम है। शुरू में संघर्ष समिति के अशोकसिंह धावाई ने पांचना बांध निर्माण और उसके बाद बांध के पड़ोसी गांवों को पानी देने को लेकर सरकार से हुई वार्ता के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि बांध निर्माण में क्षेत्र के किसानों की जमीन चली गई। कुएं सूख गए और भूमि सूखी पड़ी है। ऐसे में जीवन बसर करने के लिए बांध के पानी पर पहला हक हमारा है। पिछले 17 वर्ष से इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 2010 में स्वीकृत गुड़ला-पांचना लिफ्ट परियोजना एक वर्ष में पूरी होनी थी, जो अधूरी है। वे बोले कि सरकार क्षेत्र के 39 गांवों के खेतों को पानी उपलब्ध कराने के बाद अन्य क्षेत्र में पानी देने पर कोई आपत्ति नहीं है। आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला बोले कि सरकार कमाण्ड-अनकमाण्ड के बीच फर्क करना बंद करे। वहां भी खेत हैं और यहां भी खेत है। पानी उनको भी चाहिए और हमें भी चाहिए। सरकार अपनी नीयत साफ करे, तो सब काम हो जाएगा। बांध के समीपवर्ती गांवों के खेतों की जरुरत को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
सरकार हमारा भी पक्ष पुरजोर तरीके से रखे। डॉ. रूपसिंह गुर्जर ने भी 39 गांवों में पानी मिलने की बात को दोहराते हुए एकजुटता के साथ संघर्ष करने की बात कही। करौली के पूर्व विधायक दर्शन सिंह गुर्जर ने इस मामले में सरकार से वार्ता करने की बात कही। महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष शरदो गुर्जर ने भी विचार व्यक्त किए। महापंचायत में हाकिम सिंह ने संघर्ष समिति में मामले में युवाओं के आगे आने पर जोर दिया। रमेश गुर्जर ने समिति में सभी गांवों के प्रतिनिधि शामिल करने का सुझाव दिया।
कलक्ट्रेट पहुंच सौंपा ज्ञापन
महापंचायत के बाद समिति के सदस्य, गांवों के पंच-पटेल, प्रतिनिधि कलक्ट्रेट पहुंचे। यहां जिला कलक्टर को पांचना-गुड़ला लिफ्ट परियोजना को पूर्ण कराकर 39 गांवों में पानी उपलब्ध कराने की मांग का ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में बताया है कि गत 17 वर्ष से क्षेत्र के 39 गांवों में पेयजल व सिंचाई के लिए पानी की मांग की जा रही है। यह भी बताया है कि बांध का निर्माण पांच बहती नदियों को रोककर किया गया। सिंचाई विभाग व सरकार की गलत नीतियों के चलते इन गांवों में नदियों का पानी बहता था, उनकी बजाए अन्य गांवों को कमाण्ड क्षेत्र घोषित कर दिया गया। ज्ञापन में परियोजना में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की गई है।
हाईकोर्ट के हैं पानी छोडऩे के आदेश
पांचना बांध की नहरों से कमांड क्षेत्र के गांवों तथा गुड़ला-पांचना लिफ्ट परियोजना के 13 गांवों को पानी उपलब्ध कराने के लिए उच्च न्यायालय ने पिछले दिनों आदेश दिए थे। इन आदेशों में कहा गया था कि पानी छोडऩे पर जिनको आपत्ति हो वे कलक्टर के समक्ष अपना पक्ष रख सकते हैं। इस पर जिला कलक्टर ने पानी छोडऩे पर आपत्ति देने के लिए सार्वजनिक सूचना जारी की थी। इसके बाद संघर्ष समिति ने अपनी पंचायत में कोर्ट को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की और स्पष्ट तौर पर प्रशासन के समक्ष आपत्ति भी दर्ज नहीं कराई है लेकिन बांध के पडो़स के 39 गांवों के लिए पानी चाहने की मांग का ज्ञापन जिला कलक्टर को सौंपा है। इस ज्ञापन को जानकार संघर्ष समिति की आपत्ति के रूप में ही देख रहे हैं।