भोपाल,11 जून (आरएनएस)। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कुछ दिन पहले ही भोपाल में नेताओं के परिजनों को टिकट न देने का ऐलान करके गए हैं। लेकिन पंचायत चुनाव में कई दिग्गज भाजपाइयों के परिजन कूद पड़े हैं। ये चुनाव भले ही बिना सिंबल के हो रहे हों लेकिन भाजपा नेताओं की साख दांव पर लग गई है। भाई, बेटे, पोती, पत्नी, बहू और अन्य रिश्तेदारों को जिताने की खातिर दिग्गज भाजपाइयों की पूरी ताकत झोंकनी पड़ रही है। पंचायत चुनाव में नाम वापसी के बाद लगभग हर जिले में भाजपा नेताओं के परिजन बड़ी संख्या में चुनाव मैदान में मौजूद हैं। छुटभैये नेताओं क ी सूची तो बहुत लंबी है। प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह के पुत्र दिव्यादित्य शाह भी खंडवा जिला पंचायत से चुनाव लड़ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि शाह की पत्नी पूर्व में खंडवा महापौर भी रह चुकी हैं। नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह के भतीजे की बेटी बामोरा पंचायत में सरपंच पद पर निर्विरोध चुन ली गई हैं। पूर्व मंत्री जुगुल किशोर बागरी के बेटै पुष्पराज बागरी भी जिला पंचायत के चुनाव में कूद गए हैं।
सागर जिले की एक जनपद ऐसी भी है जहां सरकार के दो मंत्रियों के भाई-भतीजे आमने सामने थे। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाई हीरा ङ्क्षसह राजपूत राहतगढ़ जनपद के वार्ड चार से चुनाव मैदान में थे। इसी सीट पर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के भतीजे अशेाक सिंह भी मैदान में हैं। अशोक सिंह केनाम वापस लेने से मंत्री राजपूत के भाई हीरा निर्विरोध हो गए। टीकमगढ़ विधायक राकेश लोधी की दो बहनें भी पंचायत चुनाव में किस्मत आजमा रही हैं। टीकमगढ़ के पड़ोसी जिला निवाड़ी में भाजपा विधायक अनलि जैन अपनी पत्नी निरंजना जैन को जनपद पंचायत सदस्य बनवाने के लिए मशक्कत कर रहे हैं। उधर भाजपा के प्रदेश महामंत्री और विधायक हरिशंकर खटीक के भतीजे अतुल खटीक भी जिला पंचायत सदस्य के लिए ताल ठोक रहे हैं। पूर्व विधायक ने नाम वापस लिया : सागर जिले में ही पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर ने भी जिला पंचायत के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था लेकिन बाद में उन्होंने नाम वापस ले लिया।