बांसवाड़ा । बांसवाड़ा जिले के सज्जनगढ़ इलाके के विभिन्न गांवों की बारह बच्चियों को केरल के कोझिकोड में 26 जुलाई को रेल से उतारकर सीडब्ल्यूसी केंद्र में रखने के बाद अब परिजन उनकी वापसी की बाट जोह रहे हैं। घर के पुरुष केरल में हैं। यहां मां, दादी की रूलाई फूट रही है और उनकी आंखों में बेटियों के घर लौटने का इंतजार दिख रहा है।
सज्जनगढ़ क्षेत्र की बच्चियों को केरल के एर्नाकुलम में चलने वाले एक निशुल्क विद्यालय में प्रवेश के लिए ले जाते समय 26 जुलाई को कोझीकोड में मानव तस्करी के आरोप में रेलवे पुलिस ने उतार लिया था। गांव के ही लोकेश व श्यामलाल को केरल पुलिस ने बाद में मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। बच्चियों को अभी सीडब्ल्यूसी के संरक्षण में रखा हुआ है।
अभिभावकों के फर्जी दस्तावेज ले लेने और कथित रूप से मारपीट के आरोपों के बीच जानकारी बांसवाड़ा बाल कल्याण समिति को मिली। इस पर कोझीकोड सीडब्लूसी और वहां की पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद यह मामला मीडिया में उछला तो जिस पर प्रशासन-पुलिस भी हरकत में आए।
घर में सिर्फ महिलाएं
इधर, जब समाचार एजेंसी संवाददाता ने ग्राम पंचायत महूडी, गराडिया, धनपुरा, खुंदनीहाला, माचा मोलन की बच्चियों के घर पहुंचकर पड़ताल की। यहां कुछ घरों में तो ताले नजर आए। वहीं कुछ घरों में सिर्फ महिलाएं व बुजुर्ग ही मिले। उन्होंने बताया कि बच्चियों को रेल से उतार लेने की घटना के बाद से कोई अधिकारी उनके यहां नहीं पहुंचा है। वहीं बच्चियों की याद सताने से उनकी रूलाई भी फूट रही है। बच्चों की चिंता में दो दिन से खाना-पीना मानो छूट सा गया है।
एक बार घर आ जाए
महूड़ी उपला फला की जुड़वा बहनों महिमा व अश्विना की मां रजनी ताबियार व दादी कुडी देवी ने बताया कि दोनों को कक्षा छठी में प्रवेश दिलाने के लिए एनजीओ के माध्यम से रवाना किया था। उन्हें रेल से उतारने की सूचना के बाद कमलेश भी केरल पहुंच गए हैं। अब दोनों बेटियां घर आ जाएं, इतना ही चाहिए। धनपुरा के राजू के परिजनों के अनुसार करुणा व गुड्डी को श्यामलाल व लोकेश केरल ले जाने के लिए आए थे। अब बच्चियों की चिंता सता रही है। माचा में बच्चियों के मकानों पर ताले लगे मिले।
दो के खिलाफ प्राथमिकी
इधर, केरल जीआरपी के एसआई जमशीद ने बताया कि मामले में टोड़ी कालू के लोकेश कुमार पुत्र राणजी गरासिया तथा भीलकुआं निवासी श्यामलाल के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। उन्हें पुलिस हिरासत में रखा है।
यह बोले थानाधिकारी
मामले में सज्जनगढ़ थानाधिकारी धनपतसिंह का कहना है कि केरल पुलिस ने कॉल आया था। बच्चियों को लोकेश व श्यामलाल लेकर गए थे। दोनों पहले वहां पढ़ चुके हैं। उनके साथ चार बच्चियों के अभिभावक थे। मानव तस्करी के संदेह में बच्चियों को उतारा था। वहां की सीडब्ल्यूसी बांसवाड़ा से संपर्क में है। लीगल प्रोसेस के बाद बांसवाड़ा में पेश होंगे। यह भी पता चला है कि बच्चे जिस स्कूल में जा रहे थे, वह जेजे एक्ट के तहत पंजीकृत नहीं था, जिसके चलते कार्रवाई हुई।