अर्जुन
नई दिल्ली। रविवार 24 दिसंबर रुप नगर के विरमानी स्कूल में ज्योतिष मेले का आयोजन किया गया। यह मेले का आयोजन पिछले 20 वर्षों से भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद द्वारा निरंतर किया जा रहा है। जिसमे वैदिक ज्योतिष, वैदिक वास्तु, नाड़ी ज्योतिष, हस्त रेखा, नक्षत्र ज्योतिष, अंक विद्या, कृष्ण मूर्ति पद्धति आदि द्वारा लोगो की समस्याओं के समाधान के साथ साथ, भारत के प्राचीन ज्योतिष विज्ञान से लोगो में जागरुकता करने का काम भी कर रही है।
संस्था की स्थापना करीब 40 वर्ष पहले 1984 में हुई थी। तब से संस्था के संस्थापक डॉ बीवी रामन द्वारा ज्योतिष की शिक्षा को एक क्रमबद्ध रूप में सिखाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। जिसका उद्देश्य ना केवल ज्योतिष की शिक्षा देना है, बल्कि इससे जुड़े सदस्यों को ज्योतिष के विभिन्न विषयों में अनुसंधान करने की प्रेरणा भी देना है। मेले में बतौर ज्योतिषाचार्य शामिल सुनिता शर्मा ने बताया कि इस संस्था को और आगे बढ़ाने में जस्टिस एसएन कपूर का प्रमुख योगदान रहा है। उनके प्रोत्साहन और मार्गदर्शन से ज्योतिष को और अधिक पहचान मिली। तो रूप नगर चैप्टर की चेयर पर्सन सुधा जैन ने बताया कि, वर्ष 2008 से प्रोफेसर एबी शुक्ला (पुर्व आईएएस) के नेतृत्व में संस्था को नई ऊँचाइयों पर पहुँच रही है। बह ना केवल ज्योतिषशास्त्र के विद्वान हैं, बल्कि उन्होंने कुछ ऐसे नए सूत्रों से हमें परिचित कराया है, जो ज्योतिष जगत में सर्वथा नवीनता लिए हुए हैं। जिनसे आज भी एक साधारण ज्योतिषी अनजान है।
उन्होंने बताया संस्था द्वारा 39 वर्षों से, जून और दिसंबर की परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी दिया जाता है। आज देश में आईसीएएस की लगभग 60 शाखाएं हैं, जो ज्योतिष की शिक्षा देती है। आज अनेकों विद्यार्थी इन कक्षाओं से लाभ उठाकर ज्योतिषीय शिक्षा और व्यवसाय के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। डिजिटल दौर को देखते हुए 2020 से ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यम से कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। आपको बता दे कि, मेले में 15 अनुभवी और वरिष्ठ ज्योतिषियों ने आगंतुकों को परामर्श दिया। इस मेले में लगभग 200 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया।