उत्तराखंड डेस्क/देहरादून: उत्तराखंड कैडर की 2015 बैच की भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी रचिता जुयाल ने हाल ही में अपने पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए आवेदन देकर सबको चौंका दिया। उनके इस फैसले ने पुलिस विभाग और आम जनता के बीच व्यापक चर्चा का विषय बना दिया। रचिता जुयाल, जो अपनी कर्तव्यनिष्ठा, सख्त कार्यशैली और भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक कार्रवाइयों के लिए जानी जाती थीं, ने अपने इस्तीफे के पीछे निजी और पारिवारिक कारणों का हवाला दिया है। इस लेख में उनके इस्तीफे के कारण, उनके करियर, व्यक्तिगत जीवन और इस फैसले से जुड़ी अटकलों का विस्तार से विशेष विश्लेषण एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते हैं।
रचिता जुयाल का इस्तीफा
रचिता जुयाल ने 31 मई 2025 को उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन और पुलिस महानिदेशक (DGP) को अपना इस्तीफा सौंपा। वह वर्तमान में देहरादून में सतर्कता विभाग (विजिलेंस) में पुलिस अधीक्षक (SP) के पद पर तैनात थीं। उनके इस्तीफे की खबर ने पुलिस महकमे और उत्तराखंड में हलचल मचा दी, क्योंकि वह एक तेज-तर्रार और निष्पक्ष अधिकारी के रूप में पहचानी जाती थीं। उनके इस्तीफे पर अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को लेना है, क्योंकि अखिल भारतीय सेवाओं (All India Services) के अधिकारियों के इस्तीफे का अनुमोदन दिल्ली से होता है।
रचिता ने अपने इस्तीफे के कारणों को स्पष्ट करते हुए कहा कि “यह निर्णय पूरी तरह से निजी और पारिवारिक कारणों से लिया गया है। उन्होंने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, “मैंने अपनी 10 साल की सेवा पूरी करने के बाद यह फैसला लिया है। यह पूरी तरह से व्यक्तिगत कारणों से है। हर किसी के जीवन में कुछ सपने और योजनाएं होती हैं, और मैं भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहती हूं। मेरे परिवार के साथ इस पर लंबी चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया।”
रचिता जुयाल का करियर… एक प्रेरणादायी यात्रा
रचिता जुयाल ने 2015 में यूपीएससी परीक्षा में 215वीं रैंक हासिल कर अपने पहले ही प्रयास में भारतीय पुलिस सेवा में प्रवेश किया। देहरादून में जन्मी और पली-बढ़ी रचिता की स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा (बीबीए और एमबीए) भी देहरादून में ही हुई। उनके पिता, बीपीडी जुयाल भी पुलिस सेवा में थे, जिससे रचिता को बचपन से ही पुलिस की वर्दी पहनने की प्रेरणा मिली। उनके दादा और नाना भी पुलिस सेवा से जुड़े थे, जिसने उनके मन में इस पेशे के प्रति जुनून पैदा किया।
रचिता ने अपने 10 साल के करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारियां निभाईं..एसपी, अल्मोड़ा और बागेश्वर..उन्होंने इन जिलों में पुलिस अधीक्षक के रूप में अपनी सख्त और निष्पक्ष कार्यशैली से ख्याति प्राप्त की। राज्यपाल की सहायक सचिव (ADC) 2020 में तत्कालीन राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें अपना सहायक सचिव नियुक्त किया था। देहरादून में सतर्कता विभाग में उनकी भूमिका विशेष रूप से चर्चित रही। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए, जिनमें एक पुलिस दारोगा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ना शामिल है। इस कार्रवाई ने विजिलेंस विभाग की विश्वसनीयता को बढ़ाया और जनता का भरोसा जीता।
हरिद्वार में विशेष कार्रवाई
रचिता ने हरिद्वार में एक वीआईपी मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें एक पूर्व महिला जज के सरकारी आवास से 16 वर्षीय नाबालिग लड़की को रेस्क्यू किया गया था। इस मामले में मारपीट और मानसिक शोषण के आरोप थे, और रचिता ने मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट दाखिल की थी। हालांकि, यह मामला बाद में जनहित में वापस ले लिया गया। रचिता की कार्यशैली को ऊर्जावान, निष्पक्ष और संवेदनशील माना जाता था। उनकी भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाइयों ने उन्हें पुलिस विभाग में एक मजबूत पहचान दी।
इस्तीफे के पीछे कारण निजी या दबाव ?
रचिता ने अपने इस्तीफे के पीछे निजी और पारिवारिक कारणों को प्रमुखता से बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह फैसला उनके परिवार के साथ लंबी चर्चा के बाद लिया गया और वह अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों और योजनाओं को आगे बढ़ाना चाहती हैं। रचिता ने यह भी कहा कि वह उत्तराखंड से जुड़ी रहेंगी और किसी न किसी रूप में राज्य के कल्याण के लिए योगदान देती रहेंगी। हालांकि, उनके इस्तीफे के बाद कई अटकलें और सवाल उठे।
पारिवारिक कारण और निजी जीवन
रचिता ने फिल्म निर्माता यशस्वी जुयाल से शादी की है, जो प्रसिद्ध डांसर और अभिनेता राघव जुयाल के छोटे भाई हैं। उनकी मुलाकात कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान हुई, जब दोनों सामाजिक कार्यों में सक्रिय थे। रचिता एक एनजीओ के साथ जरूरतमंदों की मदद कर रही थीं, और यशस्वी भी सामाजिक कार्यों में जुटे थे। उनकी प्रेम कहानी सोशल मीडिया पर काफी चर्चित रही।
यशस्वी मुंबई में रहते हैं और कुछ सूत्रों का कहना है कि रचिता अपने पति के साथ अधिक समय बिताने या निजी क्षेत्र में नई संभावनाओं को तलाशने के लिए यह कदम उठा सकती हैं।
प्रशासनिक दबाव की अटकलें
कुछ लोगों ने अनुमान लगाया कि रचिता के विजिलेंस विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाइयों के कारण उन पर प्रशासनिक दबाव बनाया गया हो सकता है। विशेष रूप से, हाल ही में उनकी देखरेख में एक दारोगा को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था, जिसने पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया था।
पूर्व राज्य कांग्रेस प्रमुख गणेश गोडियाल ने दावा किया कि एक भ्रष्ट पुलिस अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ने के बाद रचिता पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया। हालांकि, रचिता ने इन अटकलों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि उनका फैसला पूरी तरह से व्यक्तिगत है। कुछ सूत्रों का मानना है कि “रचिता ने निजी क्षेत्र में बेहतर अवसरों को देखते हुए यह फैसला लिया हो सकता है। यह भी संभव है कि वह सामाजिक कार्य या किसी अन्य क्षेत्र में अपनी ऊर्जा लगाना चाहती हों, जैसा कि उन्होंने अपनी लव स्टोरी के दौरान सामाजिक कार्यों में रुचि दिखाई थी।
इस्तीफे पर प्रतिक्रियाएं और चर्चाएं
रचिता के इस्तीफे ने पुलिस विभाग और उत्तराखंड की जनता में आश्चर्य और खेद का माहौल पैदा किया। सोशल मीडिया पर भी उनके फैसले को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं: सामान्य धारणा: कुछ लोगों ने उनके फैसले को सम्मान देते हुए कहा कि व्यक्तिगत कारणों से लिया गया यह कदम उनकी स्वतंत्रता और उनके सपनों को पूरा करने की इच्छा को दर्शाता है। विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस, ने उनके इस्तीफे को प्रशासनिक दबाव से जोड़कर धामी सरकार पर निशाना साधने की कोशिश की। हालांकि, रचिता ने खुद सामने आकर इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि उनका फैसला व्यक्तिगत है।
रचिता जुयाल का व्यक्तिगत जीवन
रचिता जुयाल की निजी जिंदगी भी हमेशा चर्चा में रही है। उनकी शादी यशस्वी जुयाल से हुई, जो एक फिल्म निर्देशक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उनकी लव स्टोरी ने खूब सुर्खियां बटोरीं, क्योंकि यह कोविड-19 के दौरान सामाजिक कार्यों के बीच शुरू हुई थी। रचिता ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रेम कहानी को साझा किया था, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया।
रचिता के पति यशस्वी, राघव जुयाल के छोटे भाई हैं। राघव एक मशहूर डांसर, कोरियोग्राफर और अभिनेता हैं, जिन्होंने बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई है। रचिता और यशस्वी की शादी को दो साल हो चुके हैं और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि रचिता अपने पति के साथ अधिक समय बिताने या उनके करियर को सपोर्ट करने के लिए मुंबई शिफ्ट हो सकती हैं।
इस्तीफे का प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं
रचिता जुयाल के इस्तीफे ने उत्तराखंड पुलिस महकमे में एक खालीपन पैदा किया है। उनकी सख्त और निष्पक्ष कार्यशैली ने उन्हें एक आदर्श अधिकारी बनाया था। उनके नेतृत्व में विजिलेंस विभाग ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई महत्वपूर्ण कार्रवाइयां कीं, जिससे जनता का विश्वास बढ़ा।
रचिता ने अपने बयान में कहा कि “वह उत्तराखंड से जुड़ी रहेंगी और भविष्य में भी राज्य के कल्याण के लिए काम करती रहेंगी। कुछ लोग अनुमान लगा रहे हैं कि वह सामाजिक कार्य, एनजीओ या निजी क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का उपयोग कर सकती हैं। उनके पति के फिल्म उद्योग से जुड़े होने के कारण यह भी संभव है कि वह मनोरंजन या सामाजिक जागरूकता से जुड़े प्रोजेक्ट्स में हिस्सा लें।”
सख्त कार्यशैली और भ्रष्टाचार के खिलाफ
रचिता जुयाल का इस्तीफा उनके व्यक्तिगत और पारिवारिक कारणों से प्रेरित एक निजी फैसला है, जैसा कि उन्होंने स्वयं स्पष्ट किया है। हालांकि, उनकी सख्त कार्यशैली और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाइयों के कारण कुछ लोग इसे प्रशासनिक दबाव से जोड़ रहे हैं, लेकिन रचिता ने इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। उनकी 10 साल की सेवा में उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं और उत्तराखंड पुलिस को गौरवान्वित किया।
उनके इस फैसले ने लोगों में उत्सुकता पैदा की है कि वह भविष्य में किस दिशा में कदम बढ़ाएंगी। उनकी प्रेरणादायक कहानी, चाहे वह पुलिस सेवा में हो या उनके निजी जीवन में, लोगों को प्रेरित करती रहेगी। रचिता ने यह साफ किया है कि वह उत्तराखंड के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखेंगी, और उनके प्रशंसक उनके अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।