बिनु पद चलइ सुनइ बिनु काना।
कर बिनु करम करइ बिधि नाना॥
आनन रहित सकल रस भोगी।
बिनु बानी बकता बड़ जोगी॥
अर्थ : जो (परमात्मा) बिना पैरों के चलता है, बिना कानों के सुनता है बिना हाथों के नाना प्रकार के कर्म करता है, मुख के बिना ही जगत के सारे रसों का आनंद लेता है और बिना वाणी के सबसे सर्वश्रेष्ठ वक्ता है। हे पार्वती जिनका नाम लेकर मरते हुए प्राणी भी मोक्ष प्राप्त कर लेते हैं, वह प्रभु रघुश्रेष्ठ और चराचर जगत के स्वामी श्री राम सभी के हृदय की बात जानने वाले हैं।
अयोध्या में राम मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी जिसे पूरे देश में उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। लोगों से घरों पर रहकर दीप जलाने की अपील की जा रही है। जहां घर-घर अक्षत निमंत्रण पहुंचना शुरू हो गया है। इस पावन पर्व पर हम पूजित अक्षत, प्रभु राम का चित्र और पत्रक लिए मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम के कार्य में जुटे है।
लंबे समय के बाद हमारे श्री प्रभु जी अपने घर में विराजमान होने जा रहे हैं और उनके आने की इस सुचना को जन-जन तक पहुंचाने के साथ उनके स्वागत के लिए राम द्वार सभी सनातनी पहुंचे इसके लिए हम उनके निमंत्रण को लोगों तक लेकर जा रहे हैं, ताकि उस दिन जब हमारे प्रभु अयोध्या में विराजेंगे तो उनको भी लगाना चाहिए कि आज भी उनकी प्रजा उनका उतनी ही बेसब्री के साथ इंतजार कर रही है। जैसे जब वह लंका से माता सीता के साथ अयोध्या लोटे थे, उस समय लोगों में उनके घर वापसी का उत्साह रहा था”।
यह सब कहना था माधवपुरम (नया नाम) में अयोध्या से पुजीत अक्षत और निमत्रण बाँटने वाले इन राम की सेना का आज पुरे माधवपुरम गाँव में घर-घर जा कर लोगों को अयोध्या आने का निमंत्रण दिया, साथ ही लोगों बताया की पूजित अक्षत को अपने मंदिर में रखें और साथ ही एक कैलेंडर साथ में जिनके पास अपना वहां है उनके लिए एक स्टिकर और मंदिर के विषय में सुचना पत्र भी दिया.
इस सब कार्य में जितने भी लोग लगे थे उनसे बात करने पर जानकारी अनुसार सभी गाँव के लोगों ने निमंत्रण को बहुत ही प्रेम के साथ स्वीकार किया और पूजित अक्षत को माथे से लगाकर अपने प्रेम को श्री राम को समर्पित करते हुए 22 जनवरी को श्री राम धाम पहुंचने को हामी भी भरी। ये इस बात को सही साबित भी करता है कि गाँव कही नहीं बल्कि पुरे देश को इस पवन पर्व का किस कदर इंतजार है।