Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home धर्म

राम हमारे भीतर प्रकाशित ज्योति के प्रतीक

राम सहज है सरल है लेकिन दृढ़ निश्चायी है अपने मित्रों के ही हितैषी नहीं है बल्कि अपनी शरण में आए शत्रुओं को भी अभय देने वाले हैं राम एक पुत्र, एक भाई, एक पति, एक मित्र और एक राजा, सभी रूपों में अनुकरणीय हैं वे मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। दरअसल राम हमारे भीतर प्रकाशित होती ज्योति के प्रतीक है: प्रकाश मेहरा

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
January 16, 2024
in धर्म, विशेष
A A
Ayodhya
22
SHARES
735
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

प्रकाश मेहरा


राम माने आत्म-ज्योति। जो हमारे हृदय में प्रकाशित है, रा वही राम हैं। राम हमेशा हमारे हृदय में जगमगा रहे हैं। श्रीराम का जन्म माता कौशल्या और पिता राजा दशरथ के यहां हुआ था। संस्कृत में ‘दशरथ’ का अर्थ होता है- ‘दस रथों वाला।’ यहां दस रथ हमारी पांच ज्ञानेंद्रियों और पांच कर्मेंद्रियों के प्रतीक हैं। ‘कौशल्या’ का अर्थ है- ‘वह जो कुशल है।’ राम का जन्म वहीं हो सकता है, जहां पांच ज्ञानेंद्रियों और पांच कर्मेंद्रियों के संतुलित संचालन की कुशलता हो। राम का जन्म अयोध्या में हुआ था, जिसका शाब्दिक अर्थ है- ‘वह स्थान जहां कोई युद्ध नहीं हो सकता।’ जब मन किसी भी द्वंद्व की अवस्था से मुक्त हो, तभी हमारे भीतर ज्ञान रूपी प्रकाश का उदय होता है।

इन्हें भी पढ़े

‘एक पेड़ मां के नाम’: दिल्ली के सरस्वती कैंप में वृक्षारोपण कार्यक्रम, समाज को दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश!

July 31, 2025
Kalki

कलियुग में कब और कहां जन्म लेंगे भगवान कल्कि? जानिए पूरा रहस्य

July 30, 2025

गैलेक्सी इंग्लिश मीडियम स्कूल खिसोरा में धूमधाम से मनाया गया नाग पंचमी का त्योहार

July 29, 2025
Mount Mahadev operation

ऑपरेशन महादेव : 96 दिन की रणनीति, पहलगाम के आतंकियों का माउंट महादेव पर सफाया !

July 28, 2025
Load More

आत्मा के प्रतीक राम

राम हमारी आत्मा के प्रतीक हैं। लक्ष्मण सजगता के प्रतीक हैं। सीताजी मन का प्रतीक हैं। रावण अहंकार तथा नकारात्मकता का प्रतीक है। जैसे पानी का स्वभाव है बहना, मन का स्वभाव है डगमगाना, तो मन रूपी सीताजी सोने के मृग के प्रति मोहित हो गईं। हमारा मन वस्तुओं में मोहित होकर उनकी ओर आकर्षित हो जाता है। अहंकार रूपी रावण मन रूपी सीताजी का हरण कर लेता है। इस प्रकार मन रूपी सीताजी, आत्मारूपी राम से दूर हो जाती हैं। हनुमानजी को ‘पवन’ पुत्र कहा जाता है। वे सीताजी को वापस लाने में राम की सहायता करते हैं।

तो श्वास और सजगता (हनुमान और लक्ष्मण) की सहायता से, मन (सीता) का आत्मा (राम) के साथ पुनर्मिलन होता है। इस तरह पूरी रामायण हमारे भीतर नित्य घटित हो रही है।

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम

राम के जीवन से प्राप्त मुख्य शिक्षा है- अनुशासन । अनुशासन अत्यंत आवश्यक है। इसके बिना कोई भी कार्य नहीं हो सकता। दूसरी ओर, रचनात्मकता को भी कुछ स्थान चाहिए। इसे स्वतंत्रता की आवश्यकता है। उत्पादकता अनुशासन पर निर्भर करती है। स्वतंत्रता के बिना रचनात्मकता दबी रह जाती है। जीवन रचनात्मकता और उत्पादकता के बीच का संतुलन है। आप शानदार विचार रख सकते हैं, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए आपको अनुशासन की आवश्यकता है।

रामराज्य एक आदर्श समाज

एक राजा के रूप में भगवान राम के राज्य में ऐसे गुण थे, जो राज्य को विशेष बनाते थे। महात्मा गांधी ने भी ‘रामराज्य’ के समान एक आदर्श समाज की परिकल्पना की थी, जहां प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकताओं को पूरा किया जाए। रामराज्य एक अपराध मुक्त समाज का प्रतिनिधित्व करता है।

राजाओं की भूमिका में कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले गुरु से मार्गदर्शन लेने की परंपरा सम्मिलित थी। यदि राम भरत के साथ लौट आते तो रामायण कभी नहीं बनती। यदि रामजी ने स्वर्ण-मृग का पीछा नहीं किया होता, तो यह एक अलग कहानी होती। तब तो हनुमानजी की कभी कोई भूमिका ही नहीं रहती। यदि हनुमान नहीं तो रामायण नहीं।

पीछे मुड़कर देखने पर लगता है कि ये घटनाएं चुनौतीपूर्ण अवश्य प्रतीत होती हैं, लेकिन शायद उस युग के लोगों के लिए आदर्श के रूप में, एक महान उद्देश्य को पूरा करती हैं। इसीलिए भगवान राम के निर्णयों की जटिलताओं ने इस महाकाव्य को और अधिक समृद्ध बना दिया।

रामलला क्या प्रस्तुत करते हैं

भगवान राम ने एक अच्छे पुत्र, शिष्य और राजा के गुणों का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया, जिससे वे मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। आज भी उनका नाम उन कार्यों के लिए ‘रामबाण’ जैसे शब्दों में लिया जाता है, जिनमें असफलता की कोई गुंजाइश नहीं होती।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
trump

खतरनाक बीमारी से जूझ रहे डोनाल्ड ट्रंप, नजरअंदाज किया तो बुरे हो सकते हैं हालात!

April 16, 2025
Himalaya Festival

स्पर्श हिमालय महोत्सव 2024: साहित्य, कला और संस्कृति का भव्य उत्सव

October 29, 2024

अपने फैसलों पर उलझती बीजेपी कैसे इस भंवर से निकलेगी बाहर!

July 23, 2024
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • मालेगांव फैसले के बाद कांग्रेस सांसद के विवादित बोल- हिंदू आतंकवादी हो सकते हैं
  • डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में किन उद्योगों के लिए बजाई खतरे की घंटी!
  • इस नेता ने लगाया था देश का पहला मोबाइल फोन कॉल, हेलो कहने के लग गए थे इतने हजार

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.