नई दिल्ली : भारतीय सेना में ड्यूटी के समय वर्दी पहनने को लेकर लागू नियमों को एक बार फिर से दोहराया गया है। दरअसल भारतीय सेना की ड्रेस नियमावली में सैनिकों के लिए कुछ स्पष्ट नियम निर्धारित किए गए हैं। सेना ने अपने जवानों से कहा है कि उन्हें ‘वर्दी में गहने और धार्मिक प्रतीक पहनने’ को लेकर आधिकारिक नियमों का पालन करना चाहिए। हाल ही में सोशल मीडिया पोस्ट में कुछ सैन्य कर्मियों को धार्मिक चिह्न, चैन और अन्य सामान पहने हुए देखा गया है जिसके बाद यह आदेश जारी किए गए।
गौरतलब है कि सेना ने वर्दी में रहते हुए धार्मिक प्रतीकों सहित अन्य सामान पहनने से संबंधित नियम बनाए हुए हैं। इस नियमावली में इजाजत दी गई और प्रतिबंधित वस्तुओं की लिस्ट है। कपड़ों और उनके साथ पहने जाने वाले अन्य सहायक उपकरणों के बारे में विस्तृत निर्देश ‘रक्षा सेवा विनियम और सेना पोशाक विनियम’ में सूचीबद्ध हैं।
वर्दी के साथ धार्मिक वस्तुएं पहन सकते हैं जवान?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नियमों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि “वर्दी के साथ कोई भी अनधिकृत आभूषण या प्रतीक नहीं पहना जाना चाहिए।” हालांकि एक सिग्नेट अंगूठी की अनुमति है। घड़ी की चेन और ट्रिंकेट को वर्दी के साथ इस तरह से नहीं पहना जा सकता कि वे दिखाई दें। सेना के ड्रेस नियमों में विशेष रूप से उल्लेख किया गया है कि गले में कोई भी चैन या पवित्र धागा नहीं पहना जाना चाहिए। यदि पहना जाता है, तो उन्हें ठीक से छिपाया जाना चाहिए ताकि वे दिखाई न दें।
सेना के ड्रेस कोड में लिखा कि “वर्दी में कोई भी कर्मचारी किसी भी प्रकार का कंगन नहीं पहनेगा। पूजा के दिन कलाई पर एक ही पवित्र धागा पहना जा सकता है (कई धागों की अनुमति नहीं है)। ‘कड़ा’ केवल सिख अधिकारियों, जेसीओ, अन्य रैंकों और सिख सैनिकों की कमान संभालने वाले गैर-सिख अधिकारियों द्वारा पहना जा सकता है। वर्दी में रहते हुए कोई तिलक / विभूति या कोई अन्य प्रतीक नहीं पहना / लगाया जाएगा”।
महिला कर्मियों के लिए क्या प्रतिबंध हैं?
नियमों के अनुसार, विवाहित महिला कर्मी अपने गले में मंगलसूत्र इस तरह पहन सकती हैं कि वह वर्दी में दिखाई न दे। वर्दी में मेकअप और सौंदर्य प्रसाधनों (कॉस्मेटिक) से संबंधित आदेशों में लिपस्टिक और रंगीन नेल पॉलिश लगाने पर सख्त पाबंदी है। बिंदी लगाने की भी अनुमति नहीं है। बालों के बीच में सिंदूर लगाया जा सकता है, लेकिन यह टोपी पहनने पर दिखाई न दे।
आदेश में कहा गया है, “भारतीय सेना की वर्दी पहनने वाली महिला कार्मिक किसी भी वर्दी में कोई कॉस्मेटिक/मेक-अप नहीं करेंगी। झूठी पलकें, आईलाइनर, कोहल (काजल) और चेहरे पर मेकअप लगाने की अनुमति नहीं है। केवल पारदर्शी नेल वार्निश/नेल पेंट लगाने की अनुमति है। चेहरे पर फाउंडेशन क्रीम, जो धूप से सुरक्षा करती है केवल उसे ही सावधानी से लगाया जा सकता है। वर्दी में, ड्यूटी पर, हाथों पर मेहंदी लगाना सख्त वर्जित है।”
आभूषणों के लिए क्या आदेश हैं?
छोटी बालियों और सगाई/शादी//सिग्नेट रिंगों को छोड़कर, वर्दी में किसी भी कर्मचारी द्वारा कोई आभूषण नहीं पहना जाना चाहिए। महिला कर्मियों के लिए, केवल एक सेट कान छिदवाने की अनुमति है। वर्दी में बालियां पहनने की अनुमति है, बशर्ते कि सजावटी शैली (मोती या रत्न) की एक जोड़ी पहनी जाए, जिसका आकार 5 मिमी से अधिक न हो। महिला कर्मियों के लिए नाक छिदवाने की अनुमति है, लेकिन वर्दी में कोई स्टड नहीं पहनना चाहिए। मेस ड्रेस पहनते समय, तटस्थ रंग और 2.5 मिमी व्यास से अधिक नहीं के आकार का एक स्टड पहना जा सकता है। कोई भी “फैंसी” झुमके, नाक की अंगूठी या दिखाई देने वाले धातु के तने वाले ‘प्रेस-ऑन’ स्टड की अनुमति नहीं है।
एक सगाई/शादी की अंगूठी पहनी जा सकती है। हालांकि, औपचारिक परेड में औपचारिक पोशाक पहनने पर कोई अंगूठी नहीं पहनी जानी चाहिए। वर्दी में कर्मियों के लिए कोई भी सुगंध – डिओडोरेंट, परफ्यूम इत्यादि – लगाना सख्त वर्जित है। हालांकि, आफ्टर-शेव लोशन का इस्तेमाल किया जा सकता है।