दिव्य महापुरूष थे ब्रह्मलीन स्वामी महादेव महाराज-स्वामी रविदेव शास्त्री
हरिद्वार। चक्रवर्ती महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन ऊषा माता महाराज के 33वें निर्वाण दिवस एवं ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी महादेव महाराज की दूसरी पुण्य तिथी के अवसर पर श्रवणनाथ नगर स्थित जय मां आश्रम में गुरूजन स्मृति पर्व एवं ज्योति पर्व का आयोजन किया गया। जिसमें संतों व श्रद्धालु भक्तों ने ब्रह्मलीन उषा माता महाराज एवं ब्रह्मलीन स्वामी महादेव महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर साध्वी शरण ज्योति मां एवं साध्वी जीवन ज्योति मां ने कहा कि चक्रवर्ती महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन उषा माता महाराज संत जगत की दिव्य विभूति थी। त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति ब्रह्मलीन उषा माता महाराज ने पंजाब में आतंकवाद के दौर में 1 वर्ष 77 दिन तक पूरे पंजाब की पदयात्रा कर एकता, भाईचारे व शांति का संदेश लोगों को दिया। ब्रह्मलीन उषा माता महाराज के परम शिष्य ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी महादेव महाराज ने उनके द्वारा स्थापित जय मां मिशन के कार्यो को पूरे देश में आगे बढ़ाया। राष्ट्र की एकता अखण्डता बनाए रखने में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। उन्होंने बताया कि ब्रह्मलीन उषा माता की स्मृति में प्रति वर्ष 25 जून को पूरे देश में स्थित जय मां मिशन में ज्योति पर्व का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर युवा भारत साधु समाज के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी महादेव महाराज एक दिव्य महापुरुष थे।
जिन्होंने संपूर्ण भारतवर्ष में सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार करते हुए चक्रवर्ती सम्राट ब्रह्मलीन उषा माता महाराज के नाम को रोशन किया और उनके द्वारा संचालित सेवा प्रकल्प में निरंतर बढ़ोतरी कर आश्रम की अनेक शाखाओं की स्थापना की। राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान सदैव अतुल्य रहेगा। स्वामी हरिहरानंद महाराज ने कहा कि जय मां आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी महादेव महाराज एक विद्वान एवं तपस्वी महापुरुष थे। जिन्होंने समाज को समरसता का संदेश दिया। संतो को एक मंच पर लाने में उन्होंने अपना जीवन न्योछावर किया। ऐसे अवतारी महापुरुष समाज को विरले ही प्राप्त होते हैं। महंत सुतीक्ष्ण मुनि एवं महंत दिनेश दास महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। ब्रह्मलीन स्वामी महादेव महाराज ने जीवन पर्यंत सनातन परंपराओं का निर्वहन करते हुए समाज को सेवा का संदेश दिया। गरीब असहाय लोगों की मदद करना और गौ गंगा संरक्षण संवर्धन उनके जीवन का मूल उद्देश्य था। राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में उन्होंने जो योगदान दिया। संत समाज इसके लिए सदैव उनका ऋणी रहेगा। इस अवसर पर महंत निर्मल दास, महंत शिवानंद, स्वामी दिनेश दास, साध्वी शरण ज्योति मां, साध्वी जीवन ज्योति मां, साध्वी पूजा ज्योति मां, साध्वी दिव्य ज्योति मां, साध्वी तरूण ज्योति मां, साध्वी शरद ज्योति मां, साध्वी परम ज्योति मां, समाजसेवी जगदीश चावला, महेश भट्ट, रवि कुमार आदि मौजूद रहे।