सतना,26 जून (आरएनएस)। नगर निगम के पार्षदों के लिए हो रहे चुनावी मुकाबले में कौन किसका है, कहा नहीं जा सकता। टिकट मिलने से पहले जो लोग खाटी भाजपाई थे उन्होंने पाला बदल लिया और अब कांग्रेस की टिकट से मैदान में हैं। कुछ तो ऐसे नेता हैं जो कभी भाजपा के पदाधिकारी और उसी दल से पार्षद रहे हैं। सूत्रों के अनुसार इसमें पर्दे के पीछे वरिष्ठ नेताओं की भी भूमिका है। दरअसल भाजपा की टिकट वितरण में कुछ खास नेताओं की चली तो उन्होंने अपनी मर्जी से टिकट दिए। इससे असंतोष खुलकर तो सामने नहीं आया पर दावेदारों ने चुपचाप टिकट का जुगाड़ लगाकर पाला बदल लिया। उधर, कांग्रेस ने मौके का फायदा उठाकर असंतोष को न केवल हवा दी बल्कि टिकट भी दे डाली। एक पूर्व विधायक के नौ समर्थकों ने टिकट न मिलने पर कांग्रेस में जुगाड़ कर िलया। सामान्य महिला वार्ड 37 से प्रवीण सिंह कांग्रेस की टिकट पर मैदान में है। वो भाजपा के पदाधिकारी रहे आशुतोष सिंह की पत्नी हैं। आशुतोष सतना मंडल के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। सामान्य महिला वार्ड 44 से प्रत्याशी अर्चना गुप्ता चुनाव लड़ रही हैं, जो भाजपा से पार्षद रहे एल्डरमैन रहे अनिल गुप्ता की पत्नी हैं। इसी प्रकार वार्ड 06 से मिथलेश सिंह चुनौती दे रहे हैं। वो भी भाजपा से पार्षद रह चुके हैं और दोबारा टिकट मांग रहे थे। न मिलने पर कांग्रेस के पाले में चले गए। भाजपा से पार्षद रहे और इस बार महापौर के दावेदार प्रदीप ताम्रकार भाजपा का कहा नाम है।
लेकिन उन्हें भी टिकट के मामले में निराशा हुई तो उन्होंने पिछड़ा पुरुष वार्ड क्रमांक 07 से कांग्रेस का दामन थाम लिया। अब कांग्रेस की टिकट पर भाजपा के प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। गौरतलब है कि प्रदीप भाजपा के महापौर प्रत्याशी योगेश ताम्रकार के सगे रिश्तेदार हैं। ऐसे लोगों के फेहरिस्त यहीं नहीं थमती। एक पूर्व विधायक के बेहद करीबी माने जाने वाले राजू अग्रवाल को भी टिकट नहीं मिली तो वे वार्ड 40 से निर्दलीय ही लड़ रहे हैं। जानकारों का मानना है कि राजू की टिकट पूर्व विधायक के लिए प्रतिष्ठा की बात थी जिसे टिकट बांटने वालों ने नजरअंदाज कर दिया। राजू की पत्नी आरती अग्रवाल (अब दिवंगत) भी भाजपा से पार्षद रह चुकी हैं। उनकी जगह विनोद जायसवाल को टिकट दी गई है। वार्ड 40 स्वयं पूर्व विधायक का वार्ड है। ऐसे ही लोगों में वार्ड 42 सामान्य महिला से कल्पना गौतम भी हैं। दिलचस्प बात यह है कि भाजपा के दिग्गजों की भ्ज्ञी टिकट में नहीं चली। तो अपने सगे संबंधितों को भी टिकट दिलाने में नाकाम रहे। हालांकि उन्होंने भरपूर कोशिश की। पार्टी के जानकार सूत्रों की मानें तो दो पूर्व महिला महापौरों ने भी ऐसे प्रयास किए थे। एक पूर्व महापौर ने अपने बेटे को टिकट देने की मांग की थी, पर नहीं मिली। दूसरी पूर्व महिला महापौर ने अपने पति को वर्ड 03 और बहू को वार्ड 42 से टिकट देने की गुजारिश की थी। बावजूद उनकी कोशिशों को खारिज कर दिया गया कभी भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह के वार्ड क्रमांक 06 में सक्षम प्रत्याशी के अभाव में कुछ बड़े ने उनके पुत्र भाजयुमो के जिला मंत्री शिवाांग देव सिंह को टिकट देने की सिफारिश की गर्ठ थी जिसे खारिज कर दिया गया। हालांकि पुष्पेंद्र प्रताप सिंह ने टिकट के लिए कोई आवेदन नहीं दिया था। टिकट न मिलने से इन सभी नेताओं के मन खिन्न तो हैं पर उन्होंने पार्टी का साथ नहीं छोड़ा है।
अनिल पुरोहित/अशफाक