नई दिल्ली। सेक्स और सियासत का जब-जब कॉकटेल हुआ है, तब-तब हंगामा बरपा है. दोस्ती, महत्वाकांक्षा, मोहब्बत और जुनून के दरमियान जब शक पैदा होता, तो साजिश होती है. दुनियाभर में सियासी हस्तियों से लेकर फिल्मी सितारों तक, कई सेक्स स्कैंडल की गिरफ्त में आए हैं. इस वक्त कर्नाटक का रेवन्ना सेक्स स्कैंडल खूब चर्चा में हैं. आरोप है कि पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के बेटे एचडी रेवन्ना और पोते प्रज्जवल रेवन्ना ने सैकड़ों महिलाओं का यौन शोषण किया है.
रेवन्ना परिवार में रसोइए का काम करने वाली एक महिला ने केस दर्ज कराया है. उसका आरोप है कि एचडी रेवन्ना अपनी पत्नी गैर हाजिरी में घर में काम करने वाली महिलाओं का यौन शोषण किया करते थे. वो उन्हें स्टोर रूम में बुलाते, फिर उनके साथ छेड़छाड़ करते थे. इतना ही नहीं उनका बेटा प्रज्वल पीड़िता की बेटी को वीडियो कॉल करके अश्लील बातें करता था. परेशान होकर उसने आरोपी का नंबर ब्लॉक कर दिया था. एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है.
कर्नाटक में हुए इस सनसनीखेज कांड की तरह एक सेक्स स्कैंडल आज भी सियासी गलियारों में चर्चित है. वो है पूर्व रक्षामंत्री बाबू जगजीवन राम के बेटे सुरेश राम का स्कैंडल, जिसने राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया था. इसकी वजह से जगजीवन राम देश के प्रधानमंत्री बनने से चूक गए थे. यदि इस स्कैंडल का खुलासा नहीं होता तो वो शायद आज देश के पहले दलित प्रधानमंत्री होते. लेकिन बेटे की एक करतूत ने उनका सपना चकनाचूर कर दिया था.
साल 1977 की बात है. उस वक्त देश में जनता पार्टी की लहर थी. पहली बार कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई थी. इंदिरा गांधी चुनाव हार चुकी थीं. जनता दल के गठबंधन ने इतिहास रचा था. इस गठबंधन की तीन मजबूत स्तंभ मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह और जगजीवन राम थे. लेकिन सर्वसम्मति से मोरारजी देसाई को नेता चुन लिया गया और वो प्रधानमंत्री बन गए. जगजीवन राम रक्षा मंत्री बनाए गए. लेकिन उनकी राजनैतिक महत्वाकांक्षा प्रधानमंत्री की थी.
जगजीवन राम की राजनैतिक महत्वाकांक्षा से मोरारजी देसाई बखूबी वाकिफ थे. सरकार बनने के कुछ महीनों बाद ही तीनों के बीच खींचतान शुरू हो गई. इसमें चरण सिंह कांग्रेस के संपर्क में आ गए. जनता दल टूटने की आशंकाओं के बीच ऐसा लगने लगा कि जगजीवन राम को नई सरकार में प्रधानमंत्री चुन लिया जाएगा. इस तरह के राजनीतिक हालात तेजी से बन रहे थे. इसी बीच साल 1978 में सूर्या नामक पत्रिका ने एक बड़े सेक्स स्कैंडल का खुलासा कर दिया.
सूर्या पत्रिका में छपी सुरेश राम की अश्लील तस्वीरें
वो स्कैंडल जगजीवन राम के बेटे सुरेश राम का था. सूर्या पत्रिका ने सुरेश की एक महिला के साथ आपत्तिजनक तस्वीरें छापी थी. इस पत्रिका की संपादक कोई और नहीं इंदिरा गांधी की बहू मेनका गांधी थी. उनके पास संजय गांधी के जरिए ये अश्लील तस्वीरें आई थीं. उन तस्वीरों को मोहन मीकेंस के मालिक कपिल मोहन ने संजय गांधी तक पहुंचाया था. उनके पास करीब 40-50 तस्वीरें थी, जिसमें सुरेश उस महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाते दिखाई दिए थे.
अश्लील तस्वीरों में दिखी लड़की से सुरेश ने की शादी
कहा जाता है कि सुरेश राम जिस महिला के साथ तस्वीरों में दिखाई दिए थे, वो उनकी कथित गर्लफ्रेंड थी. उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के एक गांव की रहने वाली वो महिला दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती कॉलेज की छात्रा थी. उसके पिता का बागपत के निगमबोध घाट पर लकड़ियों का छोटा व्यापार था. देश भर में बेइज्जती होने के बाद सुरेश ने उससे शादी कर ली थी. लेकिन सेक्स स्कैंडल के छह साल बाद ही उनकी मौत हो गई थी.
सेक्स स्कैंडल ने खत्म किया जगजीवन का करियर
इस सेक्स स्कैंडल का खुलासा जगजीवन राम के राजनैतिक करियर को खत्म करने के लिए किया गया था. इसमें उनके पार्टी के ही कई नेता शामिल थे. इनमें केसी त्यागी, ओम पाल सिंह और एपी सिंह का नाम सामने आया था. केसी त्यागी उस समय एक युवा नेता के रूप में उभर रहे थे. जनता दल में महासचिव के पद पर थे. चौधरी चरण सिंह के काफी करीबी थे. मेरठ के के हुसेरी के रहने वाले ओम पाल सिंह उस समय किसान सम्मेलन के कार्यालय सचिव थे.
सुरेश के करतूतों के बारे में जानते थे केसी त्यागी
ओम पाल सिंह को भी चौधरी चरण सिंह का करीबी माना जाता था. सुरेश राम ने इन तीनों के खिलाफ केस किया था, जिसमें केसी त्यागी और ओम पाल सिंह मुख्य आरोपी बनाए गए थे, जबकि एपी सिंह अदालत में सुनवाई के दौरान सरकारी गवाह बन गए थे. बताया जाता है कि केसी और ओम पाल को सुरेश के करतूतों के बारे में पहले से पता था. वो अक्सर उनकी कार का पीछा किया करते थे. एक दिन मर्सिडीज कार गाजियाबाद के मोहनगर में एक्सीडेंट हो गया.
सुरेश की कार में मिला अश्लील तस्वीरों का जखीरा
उनकी कार से चोट लगने की वजह से एक शख्स की मौत हो गई. इस हादसे घबड़ाए हुए सुरेश कार को मोहन मीकेंस के कैंपस में छोड़ कर घर चले आए. उनकी कार का पीछा कर रहे केसी त्यागी और ओम पाल सिंह ने जब कार की तलाशी ली, तो उसमें सुरेश की अश्लील तस्वीरों का जखीरा मिल गया तस्वीरें देख सभी आवाक रह गए. उन दोनों कुछ तस्वीरों को कपिल मोहन को दे दिया, कुछ तस्वीरें नेशनल हेराल्ड के प्रधान संपादक खुशवंत सिंह को भेजे गए.
इंदिरा गांधी के पास तस्वीरें लेकर पहुंचे खुशवंत सिंह
`नेशनल हेराल्ड का कांग्रेस का अखबार था. इस वजह से खुशवंत सिंह की गांधी परिवार से काफी करीबी थी. वो सुरेश राम की अश्लील तस्वीरों को लेकर इंदिरा गांधी के पास पहुंचे. इन तस्वीरों के जरिए जगजीवन राम को साधते हुए मोरारजी की सरकार गिराने की सलाह दी. लेकिन इंदिरा ने मना कर दिया. उनकी नजर में जगजीवन राम की छवि ठीक नहीं थी. वहीं मेनका गांधी भी मौजूद थी. वो इन तस्वीरों को पत्रिका में छापने और सनसनीखेज बनाने पर अड़ गई थीं.