मुंबई l सत्ता हासिल करने के लिए बेमेल गठबंधन से मूल स्वर और मुद्दे कैसे बदल जाते हैं इसका ताजा प्रमाण शिवसेना है. 2013 में शिवसेना ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त का दर्जा दिया था. यह अलग बात है कि कांग्रेस और एनसीपी के सहयोग से महाराष्ट्र में सत्ता पर काबिज होते ही गोडसे को उसी शिवसेना ने अब हिंदुत्ववादी मानने से भी इंकार कर दिया है. शिवसेना के सांसद संजय राउत ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर मीडिया से बात करते हुए कि अगर वह हिंदुत्ववादी होता तो बजाय महात्मा गांधी के जिन्ना को गोली मारता. संजय राउत के बयान से पहले कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने बापू की पुण्यतिथि पर हिंदुत्वादी शब्द का इस्तेमाल कर उन्हें याद किया था.
संजय राउत ने की यह बात
संजय राउत ने मीडिया से कहा, ‘अगर कोई असली हिंदुत्ववादी होता तो वह जिन्ना को गोली मारता. गांधी को गोली क्यों मारता. जिन्ना ने पाकिस्तान की मांग की थी, जिसने देश का विभाजन किया, जिसने पाकिस्तान की मांग की. यानी जिन्ना को गोली मारनी चाहिए थी. अगर आपमें हिम्मत थी तो जिन्ना को गोली मारते. एक फकीर गांधी को गोली मारने की क्या जरूरत थी’. राउत ने आगे कहा कि गांधी के निधन पर आज भी दुनिया शोक में है. यह वही शिवसेना ने जिसने 2013 में बयान दिया था कि गोडसे देशभक्त था.
उद्धव कह चुके हैं नहीं दूर गए हिंदुत्व से
गौरतलब है कि शिवसेना इन दिनों दोधारी तलवार पर चल रही है. वह कांग्रेस और राकांपा के साथ अपनी महाविकास आघाड़ी सरकार का कार्यकाल भी पूरा करना चाहती है. साथ ही उसे अगले चुनावों में अपने प्रतिबद्ध कैडर को बचाए रखने की चिंता भी सता रही है. यह कैडर शिवसेना से हिंदुत्व की भावभूमि पर ही जुड़ा था. इसलिए गाहे-बगाहे शिवसेना अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपने कार्यकर्ताओं को यह याद दिलाने की कोशिश करते रहते हैं कि वह आज भी हिंदुत्व से दूर नहीं गए हैं. भले ही बीजेपी का साथ छोड़ दिया है.