हरिद्वार। कनखल सन्यास मार्ग स्थित श्री कृष्ण निवास आश्रम में आयोजित की जा रही सात दिवसीय गंगा महिमा कथा एवं गंगा पूजन में महामण्डलेश्वर स्वामी इंद्रदेवेश्वरानंद सरस्वती महाराज श्रद्धालु भक्तों को गंगा कथा श्रवण कराएंगे। पत्रकारों को जानकारी देते हुए म.म.स्वामी इंद्रदेवेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि गंगा दशहरे के अवसर पर 3 जून से आयोजित की जा रही कथा के शुभारंभ से पूर्व श्रद्धालु भक्तों द्वारा हरकी पैड़ी से कथा स्थल तक भव्य कलश शोभायात्रा निकाली जाएगी।
इसके पश्चात समस्त अखाड़ों के संत महापुरूषों के सानिध्य में दीप प्रज्जवलित कर कथा का शुभारंभ किया जाएगा। स्वामी इंद्रदेवेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि गंगा देश विदेश के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। गंगा नगरी के नाम से विख्यात हरिद्वार में गंगा के प्रति अगाध आस्था के चलते प्रतिवर्ष करोड़ों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि गंगा जल के दर्शन व आचमन मात्र से ही जन्म जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष का प्रशस्त होता है। हिन्दू धर्म दर्शन में गंगा की महिमा के विषय में विस्तार से बताया गया है।
श्रद्धालुओं को गंगा की महिमा से अवगत कराने व गंगा के प्रति आमजन में जागरूकता बढ़ाने के लिए गंगा महिमा कथा का आयोजन किया जा रहा है। अत्यन्त पवित्र व मोक्षदायिनी मां गंगा की निर्मलता व अविरलता बनाए रखना प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है। उन्होंने कहा कि गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नमामि गंगे योजना चलायी जा रही है। सभी को इसमें सहयोग करना चाहिए। पत्रकारों द्वारा ज्ञानवापी मुद्दे पर पूछे गए प्रश्न के जवाब में महामण्डलेश्वर स्वामी इंद्रदेवेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि ज्ञानवापी कोई नया मुद्दा नहीं है। प्रत्येक वर्ग को अपनी संस्कृति को बचाने का अधिकार है। हिन्दुओं को भी यह अधिकार हासिल है। उन्हे विश्वास है कि सामने आ रहे तथ्यों के आधार पर फैसला हिन्दू पक्ष में होगा।