नई दिल्ली : भारत सरकार ने सैमसंग, एपल, शाओमी और वीवो जैसी स्मार्टफोन कंपनियों की मुश्किलें बढ़ा दी है। दरअसल, सरकार ने इन कंपनियों को अपने नए स्मार्टफोन को भारतीय नेविगेशन सिस्टम नाविक के सपोर्ट के साथ लॉन्च करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश के बाद इन कंपनियों को अपने स्मार्टफोन के हार्डवेयर में बदलाव में आने वाली लागत और अवरोध का डर सताने लगा है।
दरअसल, सरकार विदेशी चीजों से अपनी निर्भरता कम करने पर लगातार काम कर रही है और इसी कड़ी में यह फैसला लिया गया है। फिलहाल देश में स्मार्टफोन में नेविगेशन के लिए ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (GPS) का इस्तेमाल हो रहा है। सरकार का कहना है कि नाविक से नेविगेशन को और बेहतर बनाया जा सकता है, क्योंकि यह ज्यादा सटीक है और इससे देश की इकोनॉमी को भी फायदा होगा।
क्या है नाविक नेविगेशन सिस्टम?
नाविक भारत का अपना सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम है। इस खास सिस्टम को इसरो ने तैयार किया है। आसान शब्दों में कहें तो जिस तरह अमेरिका के पास जीपीएस है, रूस के पास ग्लोनॉस है, यूरोप के पास गैलीलियो है, चीन के पास बायडू (BeiDou) नेविगेशन सिस्टम है, उसी तरह भारत के पास खुदका नाविक (NavIC) नेविगेशन सिस्टम है। NavIC नेविगेशन सिस्टम जीपीएस की तुलना में ज्यादा सटीक जानकारी देता है। इस सिस्टम से पांच मीटर तक की एक्युरेट पोजीशन की जानकारी हासिल की जा सकती है।
साल 2020 में आया था नाविक सपोर्ट वाला पहला फोन
बता दें कि रियलमी ने पहली बार भारत में नाविक (NAVIC) नेविगेशन सपोर्ट वाला स्मार्टफोन Realme X50 Pro 5G को साल 2020 में लॉन्च किया था। इस फोन की लॉन्चिंग के समय रियलमी ने यह भी कहा था कि भविष्य में लॉन्च होने वाले सभी स्मार्टफोन में भारतीय नेविगेशन सिस्टम नाविक का सपोर्ट मिलेगा।