नई दिल्ली: खाने-पीने की चीजों पर महंगाई की मार झेल रही आम जनता के लिए एक और टेंशन वाली खबर आ रही है। दरअसल, संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले दिनों में प्याज की कीमतें एक बार फिर से बढ़ सकती हैं। प्याज की कीमतों में बढ़ोत्तरी की आशंका इसलिए जताई जा रही है, क्योंकि सोमवार को महाराष्ट्र में नासिक जिले की लासलगांव कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) में प्याज की औसत थोक कीमतें 40 फीसदी तक बढ़ गईं।
टीओई की खबर के मुताबिक, लासलगांव में प्याज की कीमतों में ये उछाल उस वक्त देखने को मिला, जब एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री भारती पवार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध को वापस लेने के केंद्र सरकार के फैसले की जानकारी दी। हालांकि इस संबंध में अभी आधिकारिकर अधिसूचना जारी होनी बाकी है। महाराष्ट्र की डिंडोरी लोकसभा सीट से सांसद भारती पवार ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में आयोजित केंद्रीय मंत्रियों की बैठक में ये अहम फैसला लिया गया है।
1280 से बढ़कर 1800 हुए रेट
वहीं, एपीएमसी के एक अधिकारी ने बताया, ‘लासलगांव देश में प्याज की सबसे बड़ी थोक मंडी है और सरकार के इस फैसले का यहां काफी पॉजिटिव असर देखने को मिला है। शनिवार के 1280 रुपये प्रति क्विंटल के मुकाबले सोमवार को लासलगांव में प्याज की औसत कीमतें बढ़कर 1800 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गईं। दिनभर में यहां करीब 10 हजार क्विंटल प्याज की नीलामी हुई और न्यूनतम थोक कीमतें 1000 और अधिकतम दाम 2100 रुपए प्रति क्विटंल तक रहे।’
क्यों लगाया गया था प्याज के निर्यात पर बैन?
एपीएमसी के एक और अधिकारी ने बताया कि प्याज का निर्यात करने वाले व्यापारियों ने विदेशी बाजारों में बेचने के लिए फसल को खरीदना भी शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल 7 दिसंबर को ही 31 मार्च 2024 तक के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया था। इस फैसले के पीछे सरकार का मकसद घरेलू बाजार की मांगों को पूरा करना और थोक कीमतों को स्थिर रखना था।
फैसले के बाद 67 फीसदी तक गिरी थीं प्याज की कीमतें
सरकार के इस फैसले के बाद पिछले ढाई महीनों में प्याज की थोक कीमतों में करीब 67 फीसदी की कमी आई थी। 6 दिसंबर को मंडियों में प्याज का थोक भाव 3950 रुपए प्रति क्विंटल था, जो 17 फरवरी को गिरकर 1280 रुपए प्रति क्विंटल तक आ गए।