भोपाल,05 जुलाई (आरएनएस)। पहले जहां सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम है जिस पर लोग आसानी से अपने विचार अभिव्यक्त कर सकते हैं और जो फिर हजारों लाखों की संख्या में लोगों द्वारा इन विचारों पर प्रतिक्रिया दी जाती है, लेकिन कई बार सोशल मीडिया पर भडक़ाऊ विचारों और उत्तेजनात्मक टिप्पणी के कारण सरकार व जनता के कई गुना नुकसान भी झेलना पड़ता है। जिस पर अब सरकार नियंत्रण लगाने की तैयारी कर रही है। इस तरह के विचारों को हेट स्पीच की संज्ञा दी जाती है।
जिसके लिए अब एंटी हेट स्पीच कानून बनाने की तैयारी केंद्र सरकार ने कर ली है, जिससे हेट स्पीच की परिभाषा तय होगी । हिंसा फैलाने वाले कंटेंट पर रेाक – इस कानून में सिर्फ हिंसा फैलाने वाला कंटेंट ही नहीं बल्कि झूठ फैलाने और आक्रामक विचार रखने वाले भी इस कानून के दायरे में आने वाले हैं। इस बारे में कानून विशेषज्ञ साधना पाठक का कहना है कि सरकार बहुत दिनों से इस मामले पर विचार कर रही थी लेकिन अब ज्यादा समय न लेते हुए इसका ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है।
हेट स्पीच के लिए अलग से कानून लाने की आवश्यकता-साधना का कहना है कि यूँ तो धारा 124ए (राजद्रोह) इस पर रोक लगाई जा चुकी है। धारा 153ए धर्म, नस्ल आदि के आधार पर वैमनस्य धारा 153बी राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बयान 498 आदि कुछ धाराएं हैं जिनके अंतर्गत व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है। अब हेट स्पीच के लिए अलग से कानून लाने की आवश्यकता है। जैसे किसी मीडिया संस्थान ने व्यक्ति के कहे शब्दों को छापा या इलेक्ट्रानिक मीडिया पर किसी का कंटेंट दिखाया तो कानून के विरुद्ध हे तो व्यक्ति तो दोषी होगा।
अनिल पुरोहित/अशफाक