नई दिल्ली l रूस (Russia) के खिलाफ जंग में यूक्रेन (Ukraine) के सैनिक जान लगाकर लड़ रहे हैं. ऐसे में उनके पास एक हथियार ऐसा है जिससे रूस की हालत खराब हो रही है. ये है अमेरिका निर्मित स्टिंगर मिसाइल (Stinger Missile). अभी हाल ही में जर्मनी और नीदरलैंड्स ने भी कहा है कि वह यूक्रेन को एंटी-टैंक और एंटी-एयरक्राफ्ट हथियार देने को तैयार हैं. आइए समझते हैं कि आखिर ये स्टिंगर मिसाइल है क्या?
स्टिंगर मिसाइल क्या है?
स्टिंगर मिसाइल (Stinger Missile) एक मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPADS) है. यह इंफ्रारेड होमिंग सरफेस-टू-एयर मिसाइल (SAM) है. इससे आप हेलिकॉप्टर, फाइटर जेट, टैंक या किसी भी तरह के बख्तरबंद वाहन को उड़ा सकते हैं.
स्टिंगर मिसाइल की खासियत
स्टिंगर मिसाइल (Stinger Missile) के इस समय 13 वैरिएंट्स मौजूद है. जिन्हें अलग-अलग तरह से उपयोग किया जाता है. लेकिन मुख्य तौर पर सिर्फ तीन वैरिएंट्स हैं. पहला- द स्टिंगर बेसिक, दूसरा- स्टिंगर पैसिव ऑप्टिकल सीकर टेक्नीक (POST) और तीसरा स्टिंगर- रीप्रोग्रामेबल माइक्रोप्रोसेसेर (RMP). POST और RMP में ड्यूट डिटेक्टर सीकर होते हैं. यानी इंफ्रारेड और अल्ट्रावायलेट विजन के साथ. इनसे रात के अंधेरे में भी हमला किया जा सकता है.
स्टिंगर मिसाइल विशेष क्यों हैं?
स्टिंगर मिसाइल (Stinger Missile) दुनिया की सबसे छोटी और हल्की मिसाइलों में से एक है. इसे कहीं से भी उठाकर लॉन्च किया जा सकता है. इसका जो बेसिक स्टिंगर है यानी FIM-92 Stinger, वह 15.19 किलोग्राम वजनी होता है. जिसमें मिसाइल का वजन 10.1 किलोग्राम होता है. यानी लॉन्चर तो सिर्फ पांच किलो का ही होता है. इसकी लंबाई 1.52 मीटर होती है. बैरल का व्यास 2.76 इंच होता है. इसे कोई भी एक इंसान अपने कंधे पर रखकर चला सकता है. इसकी मिसाइल के नोक पर एक किलोग्राम वजनी पारंपरिक हथियार लगा होता है.
कितनी कारगर होती हैं स्टिंगर मिसाइल
स्टिंगर मिसाइल (Stinger Missile) का RMP वर्जन दुनिया की सबसे सटीक MANPADS हथियार है. इसकी सफलता का दर 90 फीसदी से ज्यादा रहा है. मिसाइल सुपरसोनिक गति से टारगेट पर हमला करती है. इसका नियंत्रण सिस्टम इसे क्रूज मिसाइल से ज्यादा सटीक और मारक बना देता है. यह किसी भी तरह के तेज फाइटर जेट को मार गिरा सकती है. यहां तक कि टैंक को भी ध्वस्त कर सकती हैं.
स्टिंगर मिसाइल का उपयोग कहां-कहां हुआ
स्टिंगर मिसाइलों का उपयोग करगिल युद्ध (Kargil War), अफगानिस्तान युद्ध (Afghanistan War), इराक युद्ध (Iraq War), सीरिया युद्ध, खाड़ी युद्ध, श्रीलंका सिविल वॉर, फॉल्कलैंड्स वॉर, लीबियन युद्ध, यूगोस्लाव युद्ध, चेचन युद्ध और अब रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में इसका उपयोग हो रहा है.