नई दिल्ली: आईसीएआर- राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो के तत्वाधान में छात्र कार्यशाला-सह-धान क्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया.
आईसीएआर-राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो के निर्देशक डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में दिनांक 14. नवम्बर को एक दिवसीय छात्र कार्यशाला-सह-धान क्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की सह-अध्यक्षता डॉ. आरके गौतम, विभागाध्यक्ष जर्मप्लाज्म मूल्यांकन प्रभाग और डॉ. राकेश सिंह, विभागाध्यक्ष, जीनोमिक संसाधन प्रभाग के द्वारा की गई।
कार्यक्रम के आयोजक सचिव, डॉ. विष्णु कुमार ने अतिथियों और छात्रों का स्वागत किया और सीधे सूखी बीज वाली परिस्थितियों में लगभग 9000 चावल जर्मप्लाज्म लाइनों को उगाने की जानकारी विस्तार पूर्वक दी। डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने प्रजनन कार्यक्रमों में उपयोग के लिए चावल जर्मप्लाज्म विविधता, जर्मप्लाज्म संग्रह, लक्षण वर्णन और मूल्यांकन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने जैविक तनाव प्रतिरोध और बेहतर पोषण गुणवत्ता वाले एवं कम पानी की आवश्यकता वाले धान के जीनोटाइप की पहचान करने पर भी जोर दिया। डॉ. आरके गौतम ने बेहतर उपयोग के लिए लक्षण विशिष्ट चावल जर्मप्लाज्म पहचान पर चर्चा की।
डॉ. राकेश सिंह ने परियोजना के तहत चावल की स्थानीय प्रजातियों के लक्षण वर्णन पर जानकारी दी और इनमे संभावित नवीन जीन उपलब्धता के बारे में बताया। प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज के छात्रों को ऑन-फील्ड डीयूएस डिस्क्रिप्टर, न्यूनतम चावल डिस्क्रिप्टर और चावल कृषि-वनस्पति गुणों का ज्ञान प्रदान किया गया। बैठक में प्रभागों के अध्यक्ष, प्रभारी अधिकारी, एनबीपीजीआर अधिकारी और छात्र उपस्थित रहे। छात्र कार्यशाला के आयोजन में डॉ. एस के रैना, डॉ. सुमन रॉय, डॉ. लक्ष्मी शर्मा, डॉ. श्रुति सिन्हा, डॉ. कुलदीप त्रिपाठी और डॉ. बादल सिंह इत्यादि लोगो ने अपना योगदान दिया।