शिमला : शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने अपना पहला बजट पेश किया। अपने पहले बजट में सुक्खू सरकार ने हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के प्रयासों को बढ़ावा देने और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों पर सब्सिडी सहित जीवाश्म ईंधन की खपत को कम करने और सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। विधानसभा में अपना पहला बजट पेश करते हुए सीएम सुक्खू ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार की दोषपूर्ण नीतियों के कारण राज्य के प्रत्येक व्यक्ति के सिर पर 92,833 करोड़ रुपये का कर्ज है।
बजट पेश करते हुए सुखविंद सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जून 2022 से जीएसटी मुआवजा रोके जाने और राजकोषीय घाटा अनुदान में कटौती करने से हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को धक्का लगा है। उन्होंने कहा फिर भी, मैं विश्वास दिलाता हूं कि हम विकास को प्रभावित नहीं होने देंगे और कांग्रेस सरकार राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए समर्पित रूप से काम करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का वादा करती है और इस दौरान जलविद्युत के अलावा सोलर एनर्जी सहित वैकल्पिक स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में दो पंचायतों को हरित ऊर्जा पंचायत बनाया जाएगा और उनमें 500 किलोवाट से 1 मेगावॉट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र होंगे।
सोलर पैनल लगाने पर 40 प्रतिशत अनुदान
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य के युवाओं को उनके स्वामित्व या पट्टे की भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए 40% अनुदान दिया जाएगा। राज्य विद्युत बोर्ड इन संयंत्रों से बिजली खरीदेगा और युवा 250 किलोवाट क्षमता के संयंत्र से प्रति वर्ष 15 लाख रुपये तक कमाएंगे। साथ ही हिमाचल प्रदेश को ईवी के लिए मॉडल राज्य के रूप में विकसित किया जाएगा। ई-बसों, ई-ट्रकों की खरीद और चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने पर अधिकतम 50 लाख रुपये तक की 50% सब्सिडी की घोषणा के अलावा, मुख्यमंत्री ने एक दर्जन से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों को ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकसित करने की भी घोषणा की।
सार्वजनिक परिवहन के लिए 1 हजार करोड़
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि एचआरटीसी के बेड़े की सभी डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों से बदला जाएगा। अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र नादौन में ई-बस डिपो स्थापित करने की घोषणा करते हुए सुक्खू ने कहा कि पहले चरण में 1500 बसों को बदला जाएगा, जिसके लिए 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ग्रीन हाइड्रोजन को भी बढ़ावा देगी।
OPS के लिए
सुक्खू ने यह भी कहा कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया और कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से राज्य को 8,000 करोड़ रुपये का एनपीएस फंड लौटाने की मांग की।
स्वास्थ्य सेवा के लिए
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग खोलने और डॉक्टरों के काम के घंटे घटाकर 8 घंटे करने की घोषणा की। हिमाचल प्रदेश चिकित्सा सेवा निगम की स्थापना की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में आदर्श चिकित्सा केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
सुक्खू सरकार ने बजट भाषण में बताया कि क्रिटिकल केयर यूनिट पर 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जबकि हमीरपुर के डॉ राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज में न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग खोला जाएगा। इसके अलावा सभी मेडिकल कॉलेजों में पीईटी स्कैन मशीनों की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया है।