प्रकाश मेहरा
प्रयागराज : इलाहबाद हाई कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करने के दौरान कहा हिन्दू विवाह बिना सात फेरों और अन्य रस्म के वैध नहीं है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की एक खबर के अनुसार, एक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि उससे अलग रह रही पत्नी ने बिना उसे तलाक दिए हुए दूसरी शादी कर ली। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा’ रीति रिवाजों के साथ संपन्न हुए विवाह को ही कानूनी तौर पर वैध विवाह माना जा सकता है अगर ऐसा नहीं है तो कानून की नजर में ये विवाह वैध नहीं माना जाएगा।
ये आदेश जस्टिस संजय कुमार की सिंगल बेंच ने स्मृति सिंह की याचिका देते हुए याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज परिवाद और सम्मन आदेश को रद्द कर दिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा ‘ हिन्दू विवाह कानून में विवाह की वैध्यता को साबित करने के लिए सप्तपदी एक प्रमुख हिस्सा है मौजूदा मामले में इसका कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है ‘