मुरार सिंह कण्डारी
नई दिल्ली : सुशासन के राष्ट्रीय उत्सव (सुशासन महोत्सव-2024) का समापन सत्र नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिराज सिंधिया की मोदी कहानी और सुशासन के विचारों के व्यक्तिगत उपाख्यानों के साथ संपन्न हुआ। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधान मंत्री की ‘गहराई से सुनने’ की कला और क्षमता एक व्यक्ति के रूप में आत्मसात करने योग्य गुण है। मंत्री ने आगे बताया कि कैसे उनके मंत्रालय ने एक कंसोर्टियम दृष्टिकोण के साथ विमानन क्षेत्र की वापसी का प्रयास किया। इस क्षेत्र के विस्तार को अधिकतम करते हुए कराधान को कम करने में संयुक्त दृष्टिकोण के लिए 18 मुख्यमंत्रियों और कुछ एलजी को धन्यवाद देते हुए। हवाईअड्डे व्यवसाय के फलने-फूलने का इंतजार नहीं कर रहे हैं, बल्कि उनके विचार में हवाई अड्डे काम में आसानी के लिए पूर्व शर्त बन गए हैं। पूर्व आधुनिक भारत में सेना के आधुनिकीकरण के लिए महादजी सिंधिया की विरासत को याद करते हुए उन्होंने मराठा राजनेता की यादों को प्यार से संजोया।
नीति आयोग के सीईओ बी.बी.आर. सुब्रमण्यम ने योजना आयोग से नीति आयोग तक की परिवर्तनकारी यात्रा का वर्णन किया। उन्होंने शासन मंत्र को ईमानदारी प्लस प्रतिबद्धता प्लस योग्यता के रूप में रेखांकित किया, जो मोदी शासन की संकेतक विशेषताएं हैं।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा ने भी शासन पर विचारों पर अपने विचार साझा करके दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रभु गौरांग दास जी ने भागीदारी, कानून का शासन, आम सहमति, समानता और समावेशन, प्रभावशीलता और दक्षता, जवाबदेही, पारदर्शिता के सिद्धांतों के साथ रामायण परिप्रेक्ष्य से सुशासन के विचारों को समझाया।
यूपी के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने अनुभव का वर्णन किया। नागालैंड सरकार के पर्यटन और उच्च शिक्षा मंत्री तेमजेन इम्ना अलोंग ने अपने हास्य, सादगी और मोदी शासन के अनुभव से उपस्थित लोगों को भावुक कर दिया। आरएमपी के उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे का साक्षात्कार देवेन्द्र पई ने लिया, जिसमें उन्होंने प्रेरक प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की विकसित सादृश्यता पर प्रकाश डाला।
रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी की छत्रछाया में डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में सुशासन सम्मेलन का भव्य राष्ट्रीय उत्सव देखा गया।
रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी और डॉ. जयंत कुलकर्णी के उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे के नेतृत्व में श्री पीयूष गिरगांवकर, श्री सनोतोष गुप्ता, श्री कमलाकांत पाठक, श्री गगन महतोरा और अन्य पदाधिकारियों ने दो दिवसीय सुशासन महोत्सव का समन्वय किया। महानिदेशक, रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी