नई दिल्ली : वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की जीडीपी में 1.5% का इजाफा हो गया होता यदि वर्कफोर्स में 50 फीसदी हिस्सेदारी महिलाओं की होती. नौकरी की दुनिया से इतर, भारत में महिलाओं की कारोबारी जगत में भागीदारी तेजी से बड़ी है लेकिन कई सामाजिक, आर्थिक कारणों से यह अपेक्षाकृत कम स्पीड पर है. सरकार ने इसे बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की योजनाएं पेश की हैं. आइए जानते हैं इन स्कीम्स के बारे में:
महिलाओं के लिए मुद्रा लोन
सरकार ने महिलाओं के लिए मुद्रा लोन महिलाओं को अपने कारोबार में आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए शुरू किया है. ब्यूटी पार्लर, ट्यूशन सेंटर, सिलाई की दुकान आदि खोलना है तो इसके लिए अप्लाई कर सकती हैं. इसे लेने के लिए कुछ भी गिरवी रखने की (कोलाट्रल) की जरूरत नहीं पड़ती है. इसकी तीन कैटिगरी हैं जिसके तहत अप्लाई कर सकती हैं-
1-शिशु लोन: इसमें लोन की रकम ज्यादा से ज्यादा 50 हजार हो सकती है
2-किशोर लोन: लोन की रकम 50 हजार से लेकर ज्यादा से ज्यादा 5 लाख रुपये हो सकती है, यह स्थापित कारोबार के लिए जिसे आगे बढ़ाया जाना है
3- तरुण लोन: ये लोन ऐसे कारोबारों के लिए जो अच्छा चल रहे हैं लेकिन एक्सपेंशन के लिए पैसे से मदद चाहिए. इसमें 10 लाख रुपये तक का सरकारी लोन मिल जाता है
अन्नापूर्णा स्कीम
सरकार की अन्नपूर्णा योजना के तहत भारत सरकार खानपान से जुड़े व्यवसायों में महिला आंत्रप्रन्योर्स को 50,000 रुपये तक का ऋण प्रदान करती है. उधार ली गई राशि का उपयोग कामकाज से जुड़े सामान उपकरण आदि जैसे बर्तन, मिक्सर ग्राइंडर, हॉट केस, टिफिन बॉक्स, वर्किंग टेबल इत्यादि खरीदने के लिए किया जा सकता है. लोन अप्रूव होने के बाद ऋणदाता को पहले महीने की ईएमआई का भुगतान नहीं करना पड़ता है. लोन राशि को 36 मासिक किस्तों में चुकाना होगा. ब्याज दर बाजार दर और संबंधित बैंक के आधार पर तय की जाती है.
स्त्री शक्ति योजना
सरकार की स्त्री शक्ति योजना महिलाओं के लिए एक अलग तरह की सरकारी योजना है जो कुछ रियायतों के साथ आंत्रप्रन्योर महिलाओं को सपोर्ट करती है. अगर किसी महिला का किसी जॉइंट बिजनस में अधिकांश स्वामित्व है तो यह लोन मिलेगा. साथ ही इन महिला उद्यमियों को अपनी राज्य सरकार के पास ईडीपी (Entrepreneurship Development Programme) के तहत नामांकित होना चाहिए. इसमें 2 लाख रुपये से अधिक के कर्ज पर 0.05% का ब्याज रिबेट मिलेगा.
स्टैंड अप इंडिया योजना
साल 2016 में यह शुरू हुई थी. खासतौर से औरतों और एससी-एसटी श्रेणी के लोगों के लिए शुरू की गई इस स्कीम के तहत लोन केवल ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट्स यानी पहली बार व्यवसाय खोलने वाली महिलाओं के लिए है. 10 लाख रुपये से शुरू होकर यह 1 करोड़ रुपये तक का कर्ज मिलता सकता है.
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मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेस, कृषि संबंधित गतिविधियों या व्यापार क्षेत्र के लिए ही लोन दिया जाता है. इसे लेने के लिए नॉन इन्डिविजुअल एंटरप्राइज के मामले में कम से कम 51% शेयर होल्डिंग और कंट्रोल शेयरिंग किसी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति या महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए.