बच्चों की परवरिश करना बहुत मुश्किल काम होता है. आपका बच्चा बड़ा होकर क्या बनेगा या दूसरों के साथ कैसा बर्ताव करेगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप उसकी परवरिश किस प्रकार करते हैं. बच्चों की परवरिश में ढिलाई जहां उन्हें बिगड़ैल बना सकती हैं वहीं, जरूरत से ज्यादा सख्ती से बच्चों की मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है. ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो हर माता-पिता अपने बेटों की परवरिश में करते हैं. इससे आगे चलकर आपका बेटा जिद्दी और बिगड़ैल बन सकता है.
जिम्मेदारियां ना देना- अक्सर माता-पिता बेटियों से तो घर के सभी काम करवाते हैं लेकिन बेटों को कोई चीज ना तो सिखाते हैं और ना ही उनसे कोई काम करवाते हैं. भारतीय परिवारों में आपने अक्सर देखा होगा कि काम के लिए बेटियों को बोला जाता है लेकिन बेटे बैठे रहते हैं और उन्हें किसी भी काम के लिए नहीं बोला जाता. अगर आप भी अपने बेटे के साथ ऐसा करते हैं तो इससे वह आगे चलकर गैर-जिम्मेदार बन सकता है.
भावनाएं दिखाने का मौका ना देना- अक्सर आपने लोगों को कहते हुए सुना होता कि लड़के रोते नहीं हैं. अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो यह बिल्कुल गलत है. ऐसा करने से वह अपने मन की बात कह नहीं पाएगा, जिससे उसके मानसिक स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ सकता है. जब भी आपका बेटा किसी चीज को लेकर गुस्सा है या दुखी है तो उसे अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करने दें. जब वह नॉर्मल हो जाए तब आप उससे बात करें और उसे समझाएं.
बेटे से प्यार ना जताना- अक्सर लोग बेटियों को तो भरपूर प्यार दिखाते हैं लेकिन बेटों के लिए भले ही मन में कितना भी प्यार क्यों ना हो बाहर दिखाने में कतराते हैं. जिस तरह बेटियों को आपके प्यार और स्नेह की जरूरत होती है, उसी तरह बेटों को भी आपके प्यार की जरूरत होती है. कई बार वह दिखाते हैं कि उन्हें इसकी जरूरत नहीं है लेकिन ऐसा नहीं होता, मना करने के बावजूद भी वह चाहते हैं कि उनके माता-पिता उन्हें गले लगाएं और प्यार करें.
सोशल स्किल्स दिखाने का मौका ना देना- बहुत बार माता-पिता लड़कों को लड़कियों से बात करने से रोकते हैं और उन्हें अपने ही दोस्तों के साथ खेलने या बात करने को कहा जाता है. इससे आपका बेटा काफी शर्मीला बन सकता है और आगे चलकर उसे समाज में महिलाओं से बात करने में डर और शर्मिंदगी महसूस हो सकती है. कई बार माता-पिता की इस हरकत के कारण लड़के यह सीख ही नहीं पाते कि महिलाओं से कैसे बात करनी है या कैसा बर्ताव करना है. ऐसे में कई बार लड़के महिलाओं की मौजूदगी से बहुत असहज महसूस करते हैं.
बेटे की इच्छाओं को सपोर्ट ना करना- बहुत से माता-पिता अपने बेटों को ऐसे काम करने के लिए फोर्स करते हैं जो पारंपरिक समाज में सिर्फ लड़कों के लिए ही बने हैं. ऐसा करना आपके बेटे की मानसिकता पर बुरा असर डाल सकता है. जरूरी है कि आप अपने बेटे को जिस चीज में उसकी रुचि है, वो करने की आजादी दें, फिर चाहे वह डांस हो या म्यूजिक.