हाल ही में एक खबर आई थी कि कनाडा की एक महिला टिकटॉकर के अधिक पानी पीने के कारण उसकी तबियत इतनी बिगड़ गई कि उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. महिला ज्यादा पानी पीने के कारण वो बीमार पड़ गई और जब वो अस्पताल में भर्ती हुई तो डॉक्टर ने बताया कि उसे सोडियम डेफिशिएंसी (Sodium Deficiency) या हाइपोनेट्रेमिया हो गया है. डॉक्टर ने महिला को बताया कि अगर समय पर इसका इलाज नहीं होता तो महिला की जान भी जा सकती थी.
तो ऐसे में सवाल उठता है कि किसी स्वस्थ इंसान को एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए?
एक दिन में कितना पानी पिएं, इसके लिए कोई एक निश्चित फॉर्मूला नहीं है. हालांकि, अधिकतर डॉक्टर्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि एक स्वस्थ इंसान को प्रतिदिन आठ गिलास पानी पीना चाहिए. एक दिन में कितना पानी पिएं, यह वातावरण, एक्सरसाइज, प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग जैसे कारकों पर भी निर्भर करता है.
क्या होता है जब हम अधिक पानी पीते हैं?
जब आप अधिक पानी पीते हैं तो आपको फूड पॉइजनिंग की तरह वाटर पॉइजनिंग हो सकता है. इससे दिमाग ढंग से काम नहीं करता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जब हमारे मस्तिष्क की कोशिकाओं में अधिक पानी हो जाता है तो वो सूज जाती हैं जिससे मस्तिष्क में दबाव पैदा होता है. ऐसी स्थिति में इंसान को सिरदर्द होता है और वो किसी एक जगह पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है. जब यह प्रेशर बढ़ता है तो इंसान को हाई ब्लड प्रेशर और हृदय गति कम होने की समस्या होती है.
शरीर में अधिक पानी हो जाए तो शरीर में सोडियम की कमी हो जाती है जिससे हाइपोनेट्रेमिया की समस्या हो जाती है. सोडियम हमारे शरीर में एक अहम तत्व है जो लिक्विड्स के बीच में संतुलन बनाने का काम करता है. जब इसका स्तर घटता है तो कोशिकाओं में सूजन पैदा होती है जिससे व्यक्ति कोमा में जा सकता है और उसकी मृत्यु भी हो सकती है.
कैसे पता करें कि आप अधिक पानी पी रहे हैं?
यूरीन का रंग- हम कम या ज्यादा पानी पी रहे हैं, इसका पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका है हमारे यूरीन का रंग. यूरीन का रंग हल्का पीलापन लिए होता है. अगर आप बहुत ज्यादा पानी पी रहे हैं तो आपके यूरीन का रंग अक्सर साफ दिखेगा. अगर यूरीन का रंग बिल्कुल साफ है तो इसका मतलब है कि आप कम समय में बहुत अधिक पानी पी रहे हैं. वहीं, अगर यूरीन का रंग ज्यादा पीला है तो इसका मतलब है कि आप कम पानी पी रहे हैं.
बार-बार बाथरूम जाना- अगर आप सामान्य से ज्यादा बार बाथरूम जा रहे हैं तो इसका एक मतलब यह है कि आप अधिक पानी पी रहे हैं. अगर आप दिन में 6-8 बार बाथरूम जा रहे हैं तो यह सामान्य माना जाता है. हालांकि, जो लोग अधिक कैफीन और एल्कोहल का सेवन करते हैं, वो सामान्यतः 10 बार बाथरूम जाते हैं, जो कि नॉर्मल है.
प्यास न लगने पर भी पानी पीना- बिना प्यास लगे भी बार-बार पानी पीना बताता है कि आप अधिक पानी पी रहे हैं. इससे बचने के लिए पानी तभी पिएं जब आपको लगे कि प्यास लगी है.
मतली आना और उल्टी जैसा महसूस होना- जब हम अधिक पानी पीते हैं तो हमारी किडनी पर दबाव पड़ता है और वो शरीर के अतिरिक्त लिक्विड को बाहर नहीं निकाल पाती है. इस वजह से लिक्विड शरीर में ही जमा होने लगता है जिससे मतली और उल्टी आती है और डायरिया की समस्या हो जाती है. इस कारण दिनभर थकान बनी रहती है.
सिरदर्द, मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द- जब शरीर में सोडियम का स्तर कम होता है तो मस्तिष्क की मांसपेशियां सूजकर मस्तिष्क पर दबाव डालती हैं जिससे सिरदर्द की समस्या पैदा होती है. इससे सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है. सोडियम की कमी से मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और उनमें दर्द होता है.
हाथ, पैर और होठ के रंग का बदलना- अगर आप अधिक पानी पी रहे हैं तो आपको महसूस होगा कि आपके हाथ, पैर और होठों के रंग में हल्का बदलाव आया है या उनमें हल्की सूजन पैदा हो गई हैं. जब शरीर की कोशिकाओं में सूजन पैदा होती है तब त्वचा भी सूज जाती है.